Monday, August 2, 2021

विपरीत परिस्तिथि एक ऐसा समय है जिसे सहन शक्ति के माध्यम से ही पर कर सकते है अपनी जरूरत को काम कर के बुनियादी तौर पर सिर्फ जरूरत के सामान ही खरीदे

आज के समय की परिस्तिथि में जितना लोग जिंदगी चलाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है।  ऊपर से समय की महामारी ने लोगो के काम धंधे को और व्यापार को पूरी तरीके से उलट पलट कर के रख दिया है। ऐसे समय में जिंदगी को चलाना  और  दिनचर्या  करना कितनी मुस्किल हो रहा  है। ये सभी जानते है।  कोई बच्चे की पढ़ाई में दिक्कत महशुश कर रहा है। तो कोई घर चलने में तो कोई समाज में चलने फिरने और दोस्तों से मिलाने में दिक़्क़त महशुश कर रहा है। चुकी हर कोई समय के मर के आगे किसी  न किसी से कोई न कोई कर्ज जरूर ले रखा  है। तो  ऐसे समय में लोग क्या करे।  


समय का तो यही कहना है। ये एक ऐसा समय है।  जिसे सहन शक्ति के माध्यम से ही पर कर सकते है। अपनी जरूरत को काम कर के बुनियादी तौर पर सिर्फ जरूरत के सामान  ही खरीदे।  जहा  खुद की गाड़ी में सफर न कर के बस और रेलगाड़ी में सफर करे। थोड़ी थोड़ी दूर जाने के लिए पैदल का ही इस्तेमाल करे। इससे शरीर की ऊर्जा बानी रहती है। और फुर्ती भी खूब रहती है।  खाने पीने  में  भी थोड़ा कराई रखे।  स्वस्थबर्धक ही भोजन करे। खूब कसरत करे। जो भी काम धाम कर रहे है। मन लगाकर करे। ताकि सकारात्मक ऊर्जा का विकास को और नकारात्मक ऊर्जा कम हो सके एक बार यदि सकरात ऊर्जा को पाने में सफलता मिल गई। तो सब दुःख अपने दूर होने लगेंगे। तब कोई भी काम धंधा में मन जरूरत लगेगा। मनोकामना जरूर पूरी होगी। यदि ऐसे समय में दुःख के साथ ले कर चलेंगे। और सोच विचार  को समय रहते नहीं बदलेंगे। तो इस समय से निकल  पाना बहुत मुश्किल होगा। 

       

लोग समझते ही है की इस समय में लोगो ने जितना मुश्किल का सामना किया है। बीमारी कम हो रही है। लोग उबर रहे है।  अब भी भी कई देश ऐसे है जाहा  बीमारी काम होने का नाम नहीं ले रहा है। जानकर सरकार और इलाज करने वाले यही कह है। सावधानी  का पालन करे।  उचित रोक  थम रखे। यही हम सब अभी रोकथाम नहीं किये। तो आगे बहुत देर हो जाएगी।  फिर निकलना  तब बहूत मुश्किल हो जायेगा।

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