Thursday, December 30, 2021

खाते के लेखनी और ज्ञान के लिए, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, पुस्त्पालन, सचिव अध्ययन और गणित का अच्छा ज्ञान बहूत जरूरी है

ज्ञान के स्रोत के रूप में पाठ्यपुस्तक के चयन के लिए मानदंड.

 

ज्ञान तो किसी भी पुस्तक से मिल सकता है. विद्वानों सिर्फ और सिर्फ ज्ञान के लिए ही लिखते है ताकि उनके अन्दर जो भी ज्ञान है वो दूसरो के लिए मिले. ज्ञान आदान प्रदान के लिए भी होता है. ऐसा नहीं की ज्ञान अपने पास है और वो दूसरो को दिया नहीं जाए तो वो ज्ञान किसी काम का नहीं होता है. ज्ञान जब तक उजागर नहीं होगा, तब तक न हमें फायदा होगा और नहीं दूसरो को ही. मान लीजिये की हमें कुछ करने या बनाने का ज्ञान है. और हम दूसरो से बचा कर रखे है. ताकि दूसरो को पता ही नहीं चले की हम क्या क्या कर सकते है. तो फिर वो ज्ञान अपने लिए भी कोई काम का नहीं होगा. अपने पास ज्ञान है और उसका उपयोग ही नहीं कर रहे है. तो फिर वो किस काम का होगा. अच्छा ज्ञान होने के बाबजूद भी वो परिपक्व नहीं होगा. अपने पास कोई ज्ञान छुपा कर रखेंगे तो न वो किसी वस्तु के निर्माण में काम आएगा, न किसी को उसके उपयोग के बारे में पता चलेगा. इसलिए अपने पास कोई भी ज्ञान है तो उसका उपयोग जरूर करना चाहिए.

 

शिक्षा और ज्ञान के लिए आध्यात्मिक पुस्तक, धार्मिक पुस्तक, प्रेरणा दायक पुस्तक जिसमे बड़े बड़े विद्वानों के विचार और ज्ञान लिखे होते है जो शिक्षा और ज्ञान को बढाता है.

 

निति नियम के लिए क़ानूनी पुस्तक, संवैधानिक पुस्तक, एतिहासिक पुस्तक जिसमे बड़े बड़े राजा और उनके विचारक के विचार और ज्ञान को समझने का मौका मलता है. जिससे अपने दायरे और निति नियम के बारे में पता चलता है.

 

विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाले के लिए या ज्ञान हासिल करने के लिए रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जिव विज्ञान और प्राणी विज्ञान के पुस्तके बहूत उपयोगी होते है.

 

लेखक के लिए भाषा का ज्ञान बहूत जरूरी है कम से कम क्षेत्रीय भाषा, राज्य की भाषा, देश की भाषा, और अंतररास्ट्रीय का अच्छा ज्ञान आवाश्यक है तभी सभी शब्द का चयन लेखक सही ढंग से कर सकता है. निति नियम, ज्ञान, अच्छा विचार, बात करने का तरीका और सलीका बहूत जरूरी है. इसके लिए उचित पुस्तकों का अध्ययन बहूत जरूरी है. किसी भी भाषा में लेखनी के लिए आदर और अदब जरूर होना चाहिए.  

 

खाते के लेखनी और ज्ञान के लिए, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, पुस्त्पालन, सचिव अध्ययन और गणित का अच्छा ज्ञान बहूत जरूरी है. जिससे लेखनी का काम और उससे जुड़े हर प्रकार का ज्ञान इन विषयों के पुस्तकों से मिलता है और ज्ञान बढ़ता है.

अवधारणात्मक गति खुफिया उदाहरण

कहानी का नैतिक है पराक्रम पर बुद्धि की जीत

नैतिक चरित्र मनुष्य को सहज और सजग बनता है. सहज होने से बहूत कुछ सरल हो जाता है. इसलिए इन्सान को सरल ही रहना चाहिए. सहजता से सरलता का विकाश होता है. सरल भाव में मनुष्य पर सुख दुःख का उतना प्रभाव नहीं पड़ता है, जितना मानसिक भाव में पड़ता है. मानसिक होना कदापि ठीक नहीं है. कभी कभी मानसिकता काम और व्यवस्था को बिगाड़ भी सकता है. मन के चलने का भाव कही न कही दुःख का ही कारन होता है. इसलिए मन को कभी भी बेलगाम नहीं होने देना चाहिए. वो वास्तविकता से इन्सान को दूर कर देता है. सहजता और सजगता से बुद्धि प्रबल होता है. और मन को सहज बनाने में मदद करता है. जब की मन पराक्रम भी कर सकता है. नैतिक चरित्र ही पराक्रम पर जीत हासिल करता है.

 

अवधारणात्मक गति खुफिया उदाहरण

अवधारणा मन का एक ऐसा भाव है जो मनघडंत बात मन में जगह बनाकर उसको वास्तविकता में देखने का पुरजोर प्रयास करता है. ये हर किसी के मन में हो सकता है. सही का ज्ञान होने के बाबजूद भी अपने मन के हरकतों से वाज नहीं आता है. जानते हुए की ऐसा कुछ नहीं हो सकता, फिर भी उन अवधारणा को मन में हवा देता रहता है. ये भी कल्पना का ही एक रूप ही है. पर ये धरना बिलकुल गलत है. यही कारन है की मनुष्य के जीवन में अचेतन ९० प्रतिशत है और सक्रीय मन सचेतन सिर्फ १० प्रतिशत है. ज्ञान को सही मानते हुए अक्सर लोग ऐसे बाते को किसी को नहीं बताता है. क्योकि वो उनके मन की बात होते है. यही कारन है की अवधारणात्मक गति मन में ही खुफिया रहता है. उदाहरण के तौर पर अनैतिक इच्छा, दुष्कर्म, अपराध जो निरंतर मन में चलता रहता है. किसी में कम तो किसी में ज्यादा ऐसा अवधारणा हर किसी के मन में पनपता है. स्तिथि और हालत के अनुसार सही रस्ते पर चलने वाले के मन में ज्यादा देर टिकता नहीं है और जो लोग इन अवधारणा के आदि है. गलत राह पकड़ लेते है.   

 

बुद्धि के लिए क्या पुरस्कार?

बुद्धिमान होना स्वयं एक बहूत बड़ा पुरस्कार है. बुद्धि से सब कुछ संभव है जो सकारात्मक और सहज है. विरल और कठिन कार्य में संघर्स होता है पर समय के अनुसार और संघर्स के पृष्ठभूमि पर बुद्धि विवेक पर खरा उतरता है. बुद्धि सक्रीय ज्ञान है. अच्छा अनुभव सकारात्मक रहने पर मिलता है. सकारात्मक मन में अपार उर्जा होता है जो बुद्धि को हवा देता है. इसलिए बुद्धिमान होना स्वयं में सर्वोच्च पुरस्कार है. 

फैशन नेताओं की क्या भूमिका है?

मैं अपनी प्रोफ़ाइल फ़ोटो फ़ैशन पत्रिका में प्रकाशित करना चाहता हूँ.

फ़ैशन पत्रिका में प्रकाशित फ़ोटो फ़ैशन के मापदंड में गुणवत्ता से भरा होना चाहिए. कोई भी फ़ोटो बहूत अच्छे मेगापिक्सेल वाले कैमरा से ही लिया जाना चाहिए. फ़ोटो के रंग और रूप बिलकुल साफसुथरा होना चाहिए. बैकग्राउंड में विषय को मेल करने वाले ग्राफिक या बैकग्राउंड थीम होना चाहिए. अपने चरित्र को दर्शाने वाला भूमिका विषय वस्तु पर आधारित होना चाहिए. वस्त्र और रूप साजसज्जा अपने चरित्र में निखार लाने के लिए अतिआवश्यक है. 

 

फैशन नेताओं की क्या भूमिका है?

नेता अपने देश राज्य और क्षेत्र के लिए एक विशिष्ठ नागरिक होता है, जो अपने ओहदे और भूमिका के अनुसार अपने क्षेत्र में प्रचलित होता है. अपने ओहदे और भूमिका के अनुसार उसका पहनावा भी उत्तम होना चाहिए.  जिसे फैशन कहते है. नेता के बात विचार और सोचने बोलने के ढंग से उनके जो प्राकृत निखरकर आता है उसके अनुसार मेल होने वाला वस्त्र, आभुषन साजसज्जा होना चाहिए. तभी नेता के बाहरी प्रकृति में निखर के साथ पहचान बनता है.  

 

बिग फैशन बकेट वेबसाइट भरोसेमंद है या नहीं?

फैशन बकेट वेबसाइट बिग फैशन के लिए जाना जाता है. जो पूरी तरह से अपने विशिष्ठ डिजाईन और कलाकारी के लिए प्रख्यात होता है. बिग फैशन लोगो के पसंद के अनुसार चलता है. इनके माप दंड बेहद सटीक होते है. जो सहज पहनावा के साथ सबसे अच्छा करने का प्रयास करते है. इनके पहनावे बड़े वेशकीमती होते है. बिग फैशन के डिजाईन और पहनावे से सहमत है तो बिग फैशन बकेट वेबसाइट जरूर  भरोसेमंद है. 

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