दिलो में वही बसते है जिनके मन साफ़ हो. सुई में वही धागा प्रवेश करता है, जिसमे कोई गाठ नहीं हो.
सच्चे मन की व्याख्या उस धागा से कर सकते है, जिसमे कोई गाठ नहीं हो. बिलकुल सीधा साधा सरल सहज होने पर ही मन शांत और उत्साही होता है. जिसे किसी को भी एक नजर में अच्छा लगने लग जाता है. वो सबके दिलो पर राज करता है. सच्चा और सरल होना ये बहूत बड़ी बात है.
मन में ईस्वर का नाम और बगल में छुरी ऐसे भी व्याख्या है.
उन लोगो के लिए जो होते कुछ और है, पर दखते कुछ और ही. ऐसे लोग न जल्दी किसी के दिल में बसते है और नहीं समझ में आते है. ये कब क्या कर बैठेंगे. ऐसे लोगो के पास शक्ति अपार होती है. पर वो कभी भी सकारात्मक पहलू के लिए नहीं होते है. हमेशा कुछ न कुछ खुरापाती ही करते रहते है. ऐसे लोगो से बच कर रहे तो उतना ही अच्छा है.
मन के हारे हार और मन के जीते जित.
जिनको किसी से कुछ मिले नहीं तो भी खुश और कुछ मिले जाये तो भी खुश. संतुलित व्यक्ति सरल और सहज होते है. वो कुछ भी करते है भले उसमे कोई फायदा हो या न हो पर मन में आ गया तो वो कर गुजरते है. इससे मन को शांति और उत्साह महशुस होता है. अच्छा करने वाला अच्छाई के लिए ही जीते है. कुछ भी करते है. वो अच्छाई के लिए ही होता है. इसलिए ऐसे सरल व्यक्ति किसी के दिल में एक वर में बैठ जाते है. जिनका प्रसंसा और जिक्र हमेशा होता रहता है.
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