ज्ञान इसलिए जरूरी है. जिस तरफ अपने मन का झुकाओ हो, जिस तरफ अपना मन अच्छे से लग रहा हो, सोच समझ और कल्पना अच्छा होन चाहिए. उसी ज्ञान के पीछे भागे तो सब अच्छा है

ज्ञान के कई रूप होते है 

ज्ञान के कई रूप होते है ज्ञान कई तरह से प्राप्त किया जा सकता है.

कोई किताब के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करता है, तो कोई किसी गुरु के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करता है. 

तो कोई सुनी सुनाई बात के माध्यम से भी ज्ञान प्राप्त करता है. 

पर वे सच्चे पारखी होते है, जो सुनी सुनाई बात से ज्ञान प्राप्त करता है.

जो कोई भी यदि सही संस्कार के बिच रहा हो.

उसका आचरण अच्छा हो तो उसकी परख अच्छी होती है.

उसको पता होता है कि सही क्या है?  गलत क्या है? उसकी ज्ञान की गहराई बहुत अच्छी होती है.  

ज्ञान के कई रूप जो व्यक्ति किताब के माध्यम से ज्ञान प्राप्त  करते है 

ज्ञान के मामले में उसकी सोच सीमित होती है.

जो व्यक्ति किसी गुरु के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करता है.

उसकी सोच असीमित होती है. क्योंकि उस के हर सोच में गुरु की विद्या होती है.

गुरु उसके हर जगह मददगार होते है. यदि वो व्यक्ति कही पर फस जाता है.

तो वो गुरु की मदद से निकलने में या निर्णय लेने में हर जगह गुरु मदत करते है.

ये बात सिर्फ शिक्षा से ही जुड़े हुए नहीं है.

हमें तो जीवन के हर मोड़ पर ज्ञान की आवश्यकता होती है.

ताकि हम कही फसे नहीं या बिखरे नहीं. ये नियम तो रोज ही होते है.

घर परिवार में, काम धंधे में, समाज में, दोस्तों में, जान पहचान में, किसी व्यवहार में, रस्ते पर, बहुत से ऐसे मौके है, जहा हर जगह  ज्ञान की आवश्यकता पड़ती है. 

कल्पना करे ज्ञान नहीं होगा तो क्या होता? ज्ञान के बगैर हर जगह हम फसते रहेंते, ज्ञान के बगैर मुसीबत में जाते रहेंते. 

इसलिए ज्ञान बहुत जरूरी है.  सोच समझ कर निर्णय लेना होता है की हमें ज्ञान किस प्रकार का लेना है. 

ज्ञान का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से भी हो सकता है

ज्ञान के माध्यम से ये जरूरी है कि हर व्यक्ति को हर प्रकार का ज्ञान होना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो हर जगह फसता जायेगा. जहा पर जैसा ज्ञान जरूरी है.  वैसे ही इस्तेमाल करे तो सब ठीक रहेगा. अब मान लीजिये की हम अपने काम धंधे में कोई मेहनत का काम कर रहे है. यदि सोचेंगे की कार्यालय में बैठ कर कोई काम करे और उस ज्ञान के पीछे भागेंगे तो क्या होगा. कल्पना का परिणाम अच्छा नहीं होगा. क्योंकि तब न मन से वो अपने काम प ध्यान दे पायेगा और मन लगातार नए काम के तरफ ध्यान दे पायेगा. जहा वो समय भी नहीं दे पा रहा हो. तब न ये होगा.  न वो होगा.  तब वहाँ एकाग्रता भांग होने का डर हो जायेगा. और अंत में दोनों ही काम बिगड़ जायेंगा. 

ज्ञान इसलिए जरूरी है क्योकि ज्ञान के कई रूप होते है।

ज्ञान के स्त्रोत जिस तरफ अपने मन का झुकाओ हो, जिस तरफ अपना मन अच्छे से लग रहा हो, सोच समझ और कल्पना अच्छा होना चाहिए. उसी ज्ञान के पीछे भागे तो सब अच्छा है. इसके लिए अपने मन में सोचे की मन वास्तव में क्या कल्पना करना चाह रहा है. यदि मन की आवाज सुनाने में सक्षम  है. उसकी वास्तविकता को समझ रहे है. तो उस तरफ जरूर जाय. सफलता आपका इंतजार कर रहा है.  

अच्छी ज्ञान की परिभाषा 

ज्ञान मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ी उपलब्धि दिलाती है. उसी ज्ञान के माध्यम से हर जगह सफलता मिलती है. हर रस्ते में मार्गदर्शन मिलता है. उसके पास हर बात का जवाब होता है. वही सच्चा ज्ञानी है.
ज्ञान के कई रूप
ज्ञान के कई रूप

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