मानव ज्ञान के विषय और विषयों में वर्गीकरण के दृष्टिकोण की आवश्यकता है
मानव ज्ञान के वर्गीकरण के लिए विषयो का ज्ञान आवश्यक है.
जब तक विषय का सही ज्ञान नहीं होगा तब तक विषय वस्तु पूरी तरह से समझ नहीं आएगा.
स्कूल में पढाई लिखाई में कुछ विषय होते है जिसमे शब्द, भाषा और प्रकार समझ में आता है.
गणित जोड़ना, घटाना, गुना और भाग सिखाता है.
भाषा क्षेत्रीय, राजकीय और देशीय भाषा का ज्ञान कराता है.
जो अपने राज्य के भाषा देश का भाषा और सार्वभौमिक अन्तररास्ट्रीय भाषा सिखाता है.
इतिहास पौराणिक, मध्य यूग, और वर्तमान के विषय वस्तु की जानकारी कराता है.
भूगोल खगोलीय, देश, प्रदेश, विदेश के जलबायु संरचन का ज्ञान करता है.
देश और स्थान के अनुसार जलवायु परिवर्तन और मौसन शर्दी, गर्मी और बरसात के मौसम के बारे में जानकारी कराता है.
भूमिति संरचन के आकर, प्रकार के मापने के पद्धति और बनाने और गणना करने का तरीका सिखाता है.
सबसे जटिल विषय विज्ञान जिसके तीन भाग होते है.
जीव बिज्ञान जीवन के संरचन के बारे में बताता है.
प्राणी, पशु, पक्षी, किट, पतंग, जीवाणु और विषाणु इत्यादि के शारीरिक बनावट तत्व की जानकारी, स्वभाव, प्रकृति, संरचन की जानकारी देता है. इसे प्राणी विज्ञान भी कहते है.
रसायन विज्ञान में तत्व की जानकारी, पदार्थ की जानकारी, ठोस और तरज पदार्थ की जानकारी, तत्व और पदार्थ के गुणधर्म, प्रकृति इत्यादि की जानकारी मिलता है.
भौतिक विज्ञान मशीनरी के बनाने और उसके वास्तु के गुणधर्म प्रकृति आकर प्रकार के गणना की पद्धति सिखाता है.
मानव ज्ञान में वर्गीकरण के अलावा भी बहूत से क्षेत्र है
मानव ज्ञान में वर्गीकरण जो महाविद्यला में अर्थशास्त्र, पुस्तपालन विज्ञान के तकनिकी अध्ययन, वाणिज्य.
ऐसे बहूत से विषय है जो आर्ट्स कॉमर्स, और साइंस के पढाई के लिए वर्गीकृत किये गए है.
मानव ज्ञान में ज्ञान के वर्गीकरण से ज्ञान का आयाम बढ़ता है.
ज्ञान के वर्गीकरण में अपने क्षेत्रे के अनुसार क्या ज्ञान आवश्यक है.
उसको एक संग्रह कर के विषयों का अध्यन कर के अपने क्षेत्र में बढ़ा जाता है.
सबसे पहले खुद के मन में झक के ये निर्णय लिया जाता है की मन किस विषय के लिए उपयुक्त है.
उसके अनुसार से विषय का चयन किया जाता है.
एक मुस्ट विषय को संग्रह कर के अध्यन कर के स्नातक या डिप्लोमा कर के अपने कार्य व्यवस्था को बनाकर कमाई का माध्यम बनाकर व्यापर या सेवा में कार्य किया जाता है.
तभी सफलता मिलने के लिए विषयों में वर्गीकरण के दृष्टिकोण की आवश्यकता होता है.