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Tuesday, August 3, 2021

कल्पना जीवन में इच्छा का विस्तार करना कल्पना है इच्छा संगठित मन में गहन सकारात्मक विचार संग्रह करना

कल्पना का अर्थ


सकारात्मक कल्पना 

कल्पना जीवन में अपने इच्छा को विस्तार करने के महत्त्व को कल्पना कहते है इच्छा को संगठित करके मन में गहन सकारात्मक विचार संग्रह करना मन के इच्छा को पूर्ण करने के दिशा में जाना इच्छा पूर्ण करना कल्पना का अर्थ कहते है कल्पना सिर्फ करना ही नहीं होता है रचनात्मक कल्पना को साकार करने के लिए परिश्रम भी करना पड़ता है सकारात्मक सोच से रचनात्मक कल्पना पूर्ण होता है मन के सकारात्मक इच्छा पूर्ण होता है कल्पना का मुख्य उद्देश्य सकारात्मक इच्छा को संगठित करके मन में इच्छा पूर्ण करने के लिए सकारात्मक दिशा में कार्य किया जाता है उठो मन अपने सकारात्मक इच्छा को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ो मन को सक्रीय किया जाता है सकारात्मक इच्छा को पूर्ण करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता है चुकी सकारात्मक इच्छा के कल्पना संतुलित होते है जो समय, पात्र और योग्यता के अनुसार उचित होते है कल्पना का भाव सकारात्मक और संतुलित होने से मन में सकारात्मक इच्छा सक्रय हो जाते है कोई रूकावट या व्यवधान नहीं आता है कर्म का भाव सकारात्मक इच्छा को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढ़ जाता है कल्पना में इच्छा सत्कर्म से ही ज़ुरा होना चाहिए वास्तविक मन का भाव सकारात्मक ही होता है मन में चलने वाले हर तरह के इच्छा पर भरोसा नहीं कर सकते है इच्छा पर बाहरी मन का छाप होता है इसलिए इच्छा सकारात्मक, नकात्मक या मिश्रित भी हो सकता है सक्रिय मन के लिए कल्पना का अर्थ मन में उठाने वाला इच्छा को मन के भाव से सक्रीय करना ही कल्पना होता है     

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