छोटी चीज़ें
जीवन में छोटी चीज़ें का बहुत महत्वपूर्ण होता है छोटी चीज़ें को कभी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। मान लिजिये की कोई काम कर रहे हैं। या कोई उपकरण बना रहे हैं। जिसमे बहुत सारे समान लगते हैं। उसमे से कोई छोटी चीज़ें भी बाकी रह जाता है तो वो काम पूरा नहीं होता है।
बात सिर्फ उपकरण बनाने का नहीं है। घर में रोजमर्रा में भी बहुत से ऐसे काम होते हैं। जिनके छोटी चीज़ें बहुत होते हैं। उनको एक कर के मिलाकर उस काम को पूरा किया जाता है। उसमे से कोई वस्तु या कोई छोटी चीज़ें छुट जय तो दिमाग खराब हो जाता है। किया धरा सारा काम बेकार हो जाता है। बहुत जरूरी कम हो तो उसके लिए छोटी चीज़ें के वजह से वो काम ही खराब हो जाता है। नौकरी या सेवा में है तो छोटी चीज़ें के कारण से नौकरी जाने का भी खतरा रहता है। क्योकी उससे उनका ब्यापार जुड़ा होता है।
छोटी चीज़ें का जीवन में या कल्पना में सोच समझ में जो सोचने में उसके बारे में विचार करने में भी कोई न कोई छोटी चीज़ें होता ही है। इसलिए कल्पना में भी बात का ख्याल रखा जाता है। की कोई भी महत्वपूर्ण छोटी चीज़ें छूटे नहीं चाहे वो कोई बड़ा चीज़ें हो या छोटी चीज़ें हो। कल्पना में भी छोटी चीज़े बहुत महत्वपूर्ण स्तान रखता है। क्योकी मनुष्य जैसा कल्पना करता है। उसके अनुरुप ही कार्य करता है। सही कहा गया है। जैसी सोच होते हैं वैसा वर्ताव भी होता है। और वैसा काम काज भी होता है। सकारातमक मन की उपज सकारातमक ज्ञान को बढ़ावा देता है। जिससे जीवन सार्थक होता है। काम काज व्यवहार और लेने दें में हर जगह किसी भी प्रसार का कोई भी अनुभव बाकी नहीं रहना चाहिए। भले उससे जुड़ा हुआ कोई छोटी चीज़ें या बड़ी चीज़ें हो। इस बात का ख्याल रखना चाहिए।