जीवन एक संघर्ष
जीवन के आधारस्तम्भ
जीवन की आधारशिला माता पिता ही होते है। बच्चो के पालक माता पिता ही होते है। भले सांसारिक ज्ञान में कोई न कोई मतभेद हो। उसको अपने माता पिता के माध्यम से सुलझाया जा सकता है। बड़े और गुरुजन भी मदत करते है। ज्ञान कभी भी छुपा नहीं रहता है। जैसा हाल जैसा माहौल हो तो धोखे खा कर भी लोग सीखते है। इसलिए जीवन ही एक संघर्ष है।
माता पिता के द्वारा शिक्षा ज्ञान
बच्चे जन्म से ही माता पिता के लाडले होते है। उनका भरण पोषण माता पिता करते है। ये तो जगत विख्यात है। सिर्फ भरण पोसन ही नहीं उनका देखभाल छोटे से बड़ा होना। घरेलु शिक्षा फिर पाठशाला में शिक्षा सब में हर जगह माता पिता के ही देख रेख में होते है। भले ही पाठशाला के ज्ञान का माध्यम अध्यापक हो भूमिका तो माता पिता के ही है। आगे चलकर उच्च महा विद्यालय की पढाई पूरा करवाना। जब तक की कही नौकरी धंदा नही लग जाता है। तब तक हर प्रकार से देख रेख माता पिता का ही होता है।
बच्चो के लिए माता पिता का संघर्ष
संघर्ष भरे माता के जीवन में क्या क्या बीतता है। किस किस रस्ते से गुजर कर। ये सभी इच्छाएं माता पिता पूर्ति करते है। कभी कभी ऐसे हालात भी होते है। जिसका अपने बच्चो को किसी प्रकार का शिक्षा और ज्ञान में व्यवधान नहीं आने देते है। हर बुरे हालत कों स्वयं पर झेलते है। अपने बच्चो को रत्ती भर भी तकलीफ नहीं होने देते है। ये सभी क्या है? संघर्ष ही तो है। संघर्ष तो जीवन जीने के लिए हर किसी को करना पड़ता है।
होनहार बच्चे का संघर्ष
संघर्ष तो उस होनहार बच्चे के लिए भी है। जो ज्ञानी और समझदार बच्चे है। माता पिता के दिए हुए ज्ञान से उनका आत्मज्ञान आत्मबल बढ़ता है। जिससे आगे चलकर अपने पढाई लिखाई में दिन रात मेहनत कर के आगे बढ़ते है। इससे ज्ञान तो बढ़ता ही है। मन की एकाग्रता का निर्माण होता है। मन की एकाग्रता से जीवन को सरल और सहज करने में बहुत मदत मिलता है। जीवन की सरलता और सहजता के मुख्य द्वार एकाग्रता ही है। किसी एक माध्यम में गुजर बसर से मिलता है। संघर्ष के लिए एकाग्रता का जीवन में होना बहुत महत्त्व है। एकाग्रता जीवन में स्थापित हो जाए। तो चाहे जितनी भी मुसीबत या परेशानी जीवन आता है। उस ब्यक्ति के मानसिकता में कोई फड़क नहीं पड़ता है। अपने उद्देश्य पर सजग हो कर चलते ही रहता है। अपने जीवन का निर्वाह करते रहता है। संघर्ष भरे जीवन के ये पहचन है।