रचनात्मक कल्पना
रचनात्मक कल्पना खुशहाल जीवन में रंग भर देता है
जीवन में जो रंग रूप की कमी होते है। लोग कल्पना के माध्यम से उसको भरने का प्रयास करते है। रचनात्मक कल्पना के अनुसार जरूरत की विषय वस्तु को विशेष तौर पर खरीदते है। अपने जीवन को ख़ुशनुमा बनाते है। संतुलित रचनात्मक कल्पना मनुष्य के जीवन में ख़ुशी भर देता है। कल्पना हर कोई करता है। चाहे बच्चा हो या बूढ़ा सबसे पहले जीवन के रंग को कल्पना में ही ढालते है। तब उसके अनुरूप अपने जीवन में परिवर्तन करने का प्रयास करते है।
रचनात्मक कल्पना मनुष्य को अपने जीवन में बहुत कुछ सिखाता भी है
रचनात्मक कल्पना का पहला प्रभाव बात विचार पर पड़ता है। बात चित की कला मनुष्य को बहुत कुछ देता है। आदर सम्मान, छोटे बड़े का भेद भाव हर कोई जनता है पर जुबान के माध्यम से जो आदर, मान सम्मान, अपनापन जुबान के माध्यम से ज्ञान मिलता है। जो रचनात्मक कल्पना के बगैर नहीं हो सकता है। चाहे कोई भी कल्पना हो हर वक़्त कल्पना में शब्द ही उभरते है। इसलिए रचनात्मक कल्पना का सबसे पहला प्रभाव जुबान पर पड़ता है। बात बिचार सकारात्मक होता है। सकारात्मक बात विचार मन को बहुत ख़ुशी देता है। रचनात्मक कल्पना के एक एक शब्द जीवन के खुशहाली में कमी को उजागर करते है। रचनात्मक कल्पना को मनुष्य पूरा करने का प्रयास करता है।