जीवन में अच्छाइयों के तरफ बढ़ने के लिए मन में अच्छे चीजों को ग्रहण करना चाहिए
जीवन में अच्छाइयों के तरफ बढ़ने के लिए अच्छे चीजों को ग्रहण करना चाहिए। जिन लोगो से मिलते है। जिनके बारे में अच्छा सुनते है। अच्छा लगता है। इससे अपना मन भी बहुत खुश होता है। इसे ही कहा जाता है अच्छाइयों के साथ रहने से अच्छाई बढ़ती है। जहाँ पर लोगो के बीच अच्छी बाते करते और विचार अनुभव करते है। तो वाहा अच्छा सिद्धांत उत्पन्न होता है। जो अच्छाइयों को बढ़ता है। सबसे बुरा तब होता है। जहाँ लोग एक दूसरे से बाते करते है। और सामने वाले की कमज़ोरी पकड़कर उनका फायदा उठाते है। और सामने वाले का नुकसान करते है। ये अच्छी बात नहीं है। ऐसा नहीं करना चाहिए ऐसा करना अपराध भी है। अक्सर ऐसा होता है। किसी से बात करते करते उस पर क्रोधित भी हो जाते है। तब ये नहीं पता चलता है। की क्या कर रहे है। क्या नहीं कर रहे है। क्या करना है। क्रोध के दौरान सब ज्ञान मस्तिष्क से गायब हो जाता है। तब सिर्फ और सिर्फ गुस्सा ही रहता है। इसलिए ऐसा तो कभी नहीं करना चाहिए। चुकी ऐसा करने से सब ख़त्म होने का दर रहता है। उससे भविष्य में विक्छिप्तता के वजह से नुकसान ही होता है। ऐसा करना सर्वनाश करने के बराबर होता है। इसलिए ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। होना तो ये चाहिए की भले सामने वाला कुछ कहता है। भले उसके मुँह से कुछ बुरा बात निकल जाता है। तो हो सकता है उसके पास ज्ञान की कमी हो सकता है। इसके वजह से ही कुछ बुरा बोला होगा। इसलिए उसे माफ़ करना ही सबसे अच्छा है। इससे उसको भी ज्ञान होगा की अरे मुझसे तो गलती हो गई है। मान लिजिए कोई आपको कुछ दे रहा है। और आप उसे स्वीकार नहीं कर रहे है। तो होगा क्या वो वापस ले कर चला जायेगा। यदि किसी ने बुरा बात बोले तो हमें उसे स्वीकार करके बुरा बात बोलने की कोई जरूरी नहीं है। इससे हमारा ऊर्जा ही ख़राब होगा। जो खतरनाक है। इससे अच्छा है। सब से अच्छा बोले। अच्छा रहे। अच्छा बने रहे। अच्छाई बिखेरते रहे। इससे सब ठीक रहेगा।