जीवन के वास्तविक सुंदरता
जीवन में वास्तविक सुंदरता पुरुषार्थ के आने के साथ ही नजर आता है। तन की सुंदरता उनके आकर्षण को दर्शाता है। ब्यक्ति की पहचान और रुतवा कितना बड़ा है। आकर्षक होने से लोग उनके तरफ आकर्षित हो रहे है। ब्यक्ति को बाहरी दिखावे पर अवस्य ध्यान देना चाहिये। व्यक्तित्व उनके रुतवा को दर्शाता है। जितना साफ सुथरा परिवेश होता है। व्यक्तित्व का रुतवा उतना ही आकर्षण को दर्शाता है।
मन के साफ होने से उच्च ब्यक्तित्व की पहचान
मन के साफ होने अछे ब्यक्तित्व की पहचान
होता है। मन जितना साफ़ होता है। जीवन में सरलता और सहजता उतना ही बढ़ता जाता है। मन से साफ होने से अनगिनत फयदे है।
लोगो के किसी भी प्रकार के बात विचार का
असर मन पर नहीं होता है। कोई भी बात विचार सूझ बुझ समझदारी से होता है।
बात विचार का प्रभाव लोगो पर पड़ता है। लोगो के बिच में सौहार्द्र बढ़ता है। लोग आत्मीयता से जुड़ते है।
मन के साफ होने से मन में सारलता निवास होता है। जिससे लोगो के बात विचार को समझने
की क्षमता होता है। लोगो के बात विचार का उचित निर्णय लेने में मन सक्षम होते है।
जीवन की सुंदरता करुणा सरलता सहजता में बहुत बड़ा स्थान
जीवन की सुंदरता में करुणा का भी बहुत
बड़ा स्थान है। मन में करुणा का भाव होने से तन मन की सुंदरता चरितार्थ होता है।
करुणा बच्चो के प्रति माता का प्यार दुलार बहुत होता है। ऐसे स्वभाव के ब्यक्ति के बात विचार आकर्षक और मोहक होते है। करुणा के स्वभाव
से ब्यक्ति का मन बहुत साफ सुथरा होता जाता है। ब्यक्तित्व
का स्तर बहुत उच्च होता है।
जीवन के उन्नति में परोपकार, उदारता, दयावान, दानशीलता, दयावान, सत्कर्म है
जीवन के उन्नति में परोपकार, उदारता, दयावान, दानशीलता, से बड़ा कर्म सायद ही कोई हो। जिनके मन में परोपकार की भावना होते है। उदारता के गुण ब्यक्ति के जीवन में दुसरो के प्रति बहुत
अनुराग उत्पन्न
करता है। दयावान, दानशीलता जैसे गुण वाले ब्यक्ति सदा दुसरो के अच्छाई के
लिए ही कर्म करते है। ऐसा समझे की उनका सबकुछ दुसरो के लिए ही होता है। किसी के भी
दुःख तकलीफ पड़ेशानी में सदा साथ देते है। ऐसे ब्यक्ति के भावना सदाचारी होते है।