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Saturday, January 15, 2022

अच्छी बारिस किसानो ने जब खेत की तयारी भी नहीं किये थे धान के बिज लगाने के तब मई महीने के अच्छी बारिस हो गई

जलवायु परिवर्तन सुख कम दुःख ज्यादा


किसानो के लिए कई साल से जलवायु परिवर्तन देखा जा रहा है 

जलवायु परिवर्तन खास कर बारिस का मौसम उतना फायदेमंद नही हो कर नुकसान ही दे रहा है. भारत में मुख तौर पर दो साल ये देखा जा रहा है की अच्छी बारिस के होने बाबजूद भी धन के फसल या तो बरबाद हो रहा है या फसल हो ही नहीं पाता है.

 

समय से पहले अच्छी बारिस

किसानो ने जब खेत की तयारी भी नहीं किये थे धान के बिज लगाने के तब मई महीने के अच्छी बारिस हो गई. जिससे भुरभुरी मिट्टी कठोर हो गए और जिसमे बारम्बार मशीन से खेत जोतवाने पड़े. समय से पहले होने वाले बारिस ने मिटटी को जमा दिया जिसे किसानो को मशीन चलवाकर खेत की जोताई करना पड़ा.

 

इस साल तो हद ही हो गया

बिहार में खास कर इस साल जिस समय धान के बोआई होते है. उस समय उतना अच्छा से पानी बरसने से धान के बिज ठीक से तयार नहीं हुए. धान के बिज बोने के साथ पानी बरसने से बहूत सरे बिज पीले पड़कर ख़राब हो गए. जिनको यूरिया के जरिये कुछ हद तक सुधर हुआ. पर अधिकांश धान के बिज ख़राब ही हो गए जो पूरी तरह से पानी में डूब गए थे. कुछ तयार भी हुए तो उसमे किसान को उस बिज को शक्त जमीं से ठीक से निकालाना पड़ा जिसमे कई धान के बिज ख़राब हो गए.

 

महँगी लागत उपज कम

जैसे तैसे आंशिक बिज से किसानो ने धान के खेती किये. अच्छी बारिस होने बाद ही धान के बिज को खेत में गहरे पानी में लगाया जाता है. धान के बिज के रोपाई के दौरान बारिस का पानी अच्छा मिला जिससे खेतो में धान के बिज लगाये गए.

 

अच्छी बारिस पड़ी मुसीबत, ऊपर से नदी के बाढ़

आंशिक धान के बीजो को खेत में लगाये जाने के बाद भी बारिस नहीं रुकी और उनमे से निचले इलाके के खेतो में पानी भर जाने से धान के बिज ही डूब गए. सिर्फ उथले जगह पर कुछ धान की खेती लग पाया. आने वाले बढ़ के पानी ने उन सभी को ही डुबो दिया. कुछ सौभाग्यशाली खेत थे जहा बढ़ के पानी नहीं जा पाया सो वो सब बच गए. उनमे लगातार बारिस के पानी से खेती भी अच्छी हुई.

 

अंत में जो बचा था वो भी गया

धान के फसल के पकने के बाद उसको कटा गया. जिनके फसल बचे थे उन किसान ने अपना फसल को काटा. धान के फसल को खेत में सूखने के लिए कुछ दिन तक छोड़ा जाता है. इस दौरान ३ दिन लगातार बारिस हो गई. जिससे सभी खेत के उपजे धान खेत में उग गए. रही सही पूरी फसल इस तरह से बर्बाद हो गए. कहा जाता है की जितने बिज उगाये गए थे उसमे से सिर्फ १५ या २० प्रतिशत की धान के फसल हुए और बाकि फसल बारिस और बढ़ से बर्बाद हो गए. 

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