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Friday, July 30, 2021

जीवन के प्रेरणा स्त्रोत तब कहा जाता है. जब किसी के जीवन में कोई प्रेरणा किसी अछे व्यक्ति से मिलता है. जिससे वो अपने जीवन में परिवर्तन कर के प्रगति करता है

प्रेरणा स्त्रोत


प्रेरणा स्त्रोत जीवन के तब कहा जाता है. जब किसी के जीवन में कोई प्रेरणा किसी अछे व्यक्ति से मिलता है. जिससे वो अपने जीवन में परिवर्तन कर के प्रगति करता है. जिनके ज्ञान से अपने जीवन को लाभान्वित करता है. प्रेरणा का प्रभाव ऐसा होता है की जिसके जीवन किसी के प्रेरणा मिल जय तो ख़ुशी और प्रसन्नता जीवन में भर जाता है. जिनके जीवन में ख़ुशी और प्रसन्नता जीवन में स्थापित हो गया. समझ लीजिये उनका जीवन सफल है. किसी का प्रेरणा जीवन में बहुत कुछ लाता है.

प्रेरणा स्त्रोत विज्ञान के विषय में सुरु में जिन विज्ञानिको ने जो आविस्कर किया उससे प्रेरणा लेकर उनके बाद आने वाले विज्ञानिको ने दिन प्रति दिन आविस्कारो को बढ़ाते हुए आज हम सब के लिए जीवन सुलभ कर दिया है. यदि आज के समय में हम लोग किसी भी क्षेत्र में कुछ करना कहते है तो सभी कही न कही विज्ञान के ही देन है. इसलिए हमलोगों के लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्त्रोत विज्ञान ही है. भले लोग इस बात को माने या न माने. चाहे दुनिया के किसी भी क्षेत्र में जा कर देखे. सब जगह विज्ञान के ही आविस्कर है. जो दुनियाभर के विज्ञानिको ने ही किया है आज के समय में तो सबसे बड़ा प्रेरणा के स्त्रोत वैज्ञानिक ही है.

प्रेरणा स्त्रोत अविष्कारक ही सृष्टि के जननी होते है. जिस तरह कोई व्यक्ति सिर्फ ज्ञान से पूरा सफलता नहीं प्राप्त कर सकता है. जब तक की अच्छा अनुभव नहीं प्राप्त हो अनुभव ही ज्ञान का विस्तार करता है. नए सृजन का निर्माण करता है. ज्ञान का अनुभव भी प्रेरणा के स्त्रोत होते है. सिर्फ अपने लिए ही नहीं अपितु अपने ज्ञान का अनुभव दूसरो के लिए भी प्रेरणा के स्त्रोत बनता है.   

Saturday, July 10, 2021

सकारात्मक जीवन के प्रेरणादायक के बारे में कहूँ तो मनुष्य के जीवन में तरक्की का बहुत बड़ा कारण प्रेरणा स्त्रोत होता है, जो की किसी ऐसे ब्यक्ति से मिलता है

जीवन के प्रेरणा स्त्रोत


सकारात्मक जीवन के प्रेरणादायक के बारे में जानकारी

मनुष्य के जीवन में तरक्की का बहुत बड़ा कारण प्रेरणा स्त्रोत होता है, जो की किसी ऐसे ब्यक्ति से मिलता है जिससे कुछ सिख के, प्रेरणा लेकर कर अपने क्षेत्र में उन्नति करता है, लोगो के बिच में सराहनीय कार्य करता है, सामाजिक कार्य हो या अपने काम काज, ब्यापार के विस्तार में बहुत अच्छा काम करता है,  ये सभी क्रिया कलाप अपने जीवन के प्रेरक वक्ता के प्रेरक विचार से प्रेरित होकर सीखता है, अपना विस्तार करता है,  वही ब्यक्ति उसके प्रेरणा स्त्रोत कारन बनता है। 


सकारात्मक जीवन के उद्धरण में प्रेरणा 

प्रेरणादायक ऐसे ही एक कलाकार का जिक्र है  जो की उस समय स्कूल में पढता था और  पढाई लिखाई में रहता था,  तब तक उसके जीवन का कोई उद्देश्य भी होता है वो ज्ञान नहीं था,  आम तौर पर सभी के जीवन में कोई न कोई दोस्त होते है या कई दोस्त होते है,  उसने किसी से दोस्ती नहीं किया था, उसके पिता अच्छे कलाकार थे,  मिटटी के मूर्ति के अच्छे कलाकार थे, अपना काम काज करते थे, उनके जीवन में कला का ही महत्व था  इसलिए वे सकारात्मक जीवन के उद्धरण और प्रेरणादायक कला के प्रेमी थे, उनके एक मित्र पेंटर थे, वो भी अच्छे प्रेरणादायक कलाकार थे। 


आत्म प्रेरणा कारक की जानकारी 

बात उन दिनों की है,  जब वो ९ कक्षा में पढता था  ऐसे ही एक दिन उनके पिता जी के दोस्त किसी काम के सिलसिले में उनके घर पर आये तब वो देखे की बाप और बेटे दोनों घर पर ही है,  तभी उन्होंने उस लड़के से कहा ही की बेटा तुम अपने जीवन में क्या बनोगे ?  कुछ सोचा है या नहीं ! अभी तुम्हारा समय है, अभी नही सोचोगे तो आगे कैसे बढोगे ? तब उस लडक ने जवाब ,दिया की चाचा जी अभी तो पढाई कर रहा हूँ, कुछ सोचा नहीं हूँ, तब उन्होंने प्रेरक विचार बताया की बेटा तुम अपने पिता जी का काम क्यों नहीं सीखते हो ?  अभी नहीं सीखोगे तो कब सीखोगे ?  मेरा तो मानना है की यदि अपने पिता जी का काम  सिख लेते हो तो तुम्हे और अच्छे से सिखने को मिलेगा, उनको हर प्रकार के मूर्ति बनाने का ज्ञान है  तुम अच्छे से सिख भी लोगे तुम्हे कोई परेसानी भी नहीं होगी  पढाई लिखाई जैसे कर रहे हो वैसे ही चलता रहेगा  साथ में काम भी सीखते रहोगे अपनी मर्जी से यही समय हे कुछ सोचने का अभी नहीं सोचोगे तो बाद में बहुत देर हो जाएगी, इतना प्रेरणादायक विचार देकर और जिस काम के लिए आये थे, वो पूरा कर के चले गये।  


आत्मनिर्णय के सिद्धांत 

सिद्धांत को देखा जय तो प्रेरक विचार उस बच्चे को जो प्रेरणा उनके पिता जी के दोस्त से मिला, वो उस बच्चे के लिए जीवन में एक प्रेरणा मिल गया, जिससे वो पढाई लिखाई के साथ साथ प्रेरणादायक उद्धरण से प्रेरित होकर थोड़ा बहुत अपने पीता जी के साथ भी काम करने लगा,  कक्षा १० की पढाई और परीक्षा में प्रथम स्थान ला कर पास हुआ आगे वो कक्षा १२ की तैयारी में लग गया, उच्च माध्यमिक की पढाई २ साल का होता है,  इसलिए उसके पिता जी ने उसके लिए एक कमरे की ब्यवस्था कर दिए,  ताकि सकररमक ढंग से एकाग्र हो कर पढाई और काम दोनों साथ साथ कर सके, ऐसा मौका मिलते ही आत्म प्रेरणा से प्रेरत उसने दोनों तरफ मेहनत सुरु कर दिया,  तब दिन में पढाई और देर रात तक मूर्ति बनाने के काम को शांत माहौल में सिखने लग गया, जिसमे उसके पिता जी भी साथ देते थे, देर रात तक जागने के लिए मना  करते थे  चुकी ऐसा करने से उसके स्वस्थ पे असर पर रहा था,  ऐसा करते करते वो कक्षा १२ उच्च माध्यमिक दूसरे स्थान से पास किया, तब उसने निर्णय लिया की आज जो भी सीखा हूँ  अपने पिता जी के ज्ञान से ही सीखा हूँ और पिता जी के दोस्त के दिए प्रेरणादायक विचार से ही प्रेरित होकर आज यहाँ तक पंहुचा हूँ,  पढाई पूरा करने के बाद वो उसी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए काम काज सुरु किया और आगे बढ़ा और दुसरो के लिए प्रेरणादायक उद्धरण बना।  


लक्ष्य निर्धारण सिद्धांत के आधार

उस बच्चे ने आगे चलकर पढाई तो ज्यादा नहीं किया पर कला के सकारात्मक  दिशा में  व्यक्तिगत प्रेरणा से प्रेरित हो कर अपने पिता जी के ब्यापार में सहायोग देने लग गया।  इससे उसके लिए प्रेरक वक्ता के दिए हुए प्रेरणा से एक ब्यापार मंच पर अपने आप को खड़ा पाया।  उसके पास पूरी जानकारी और काम काज के तकनिकी बचपन से देखा था व्यक्तिगत प्रेरणा के माध्यम उनके पिता जी थे, जिससे उसको सिखने में  बहुत मदत मिला। 

कला के दुनिया में पारंगत होने के बाद

उसने अच्छा खासा ब्यापार किया।   जितना सकारात्मक कलाकार होते है, जिस दिशा में कलाकार बढ़ते है, वो एक अद्यात्म से काम नहीं हैकला वही पलता है, जहा सब कुछ सकारात्मक होते है। जिससे उस ब्यक्ति का जीवन भी सकारात्मक और प्रेरणादायक हो गया, आगे बढ़ता गया  मेहनत भी बहुत अच्छा किया जिससे उसके जीवन सकारात्मक चलता रहा

 

प्रेरक उद्धरण 

ये है की जो मेहनत करता है मेहनत से कभी नहीं भागता है भले ही पढाई लिखाई के समय उसने कंप्यूटर ज्ञान नहीं लिया था, तब वो पढाई लिखाई छोड़ने के साल बाद कंप्यूटर के ज्ञान के लिए संस्थान में अध्यन किया जहा उसने आधुनिक ताकनिकी सिखने में पौने साल लगाया। वो एक कलाकार था, उसको पता था की किसी भी ज्ञान की बारीकियत सिखने में समझने में समय लगता है,आत्म प्रेरणा कौशल से प्रेरित होकर उसने समय दियाकंप्यूटर के अध्यन के लिए समय उसने ऐसा चुना की जो कोई सोच भी नहीं सकता है, दोपहर के एक बजे जब लोग खाना खाने जाते है ताकि काम काज का नुकसान हो  चुकी उस समय कामगार लिए एक घंटा का छुट्टी करते हैआत्म प्रेरणा से उस  समय का उपयोग किया। अपने काम काज में नई तकनिकी को शामिल करके व्यक्तिगत प्रेरणा से अपने लक्ष्य तक पंहुचा। 


दो कारक सिद्धांत

सिद्धांत पर अब चलना सुरु कर दिया जिसमे कंप्यूटर के माध्यम से कला का प्रदर्शन और ब्यापार को बढ़ने में बहुत मेहनत किया। 

प्रेरणादायक उद्धरण 

साल बाद वो पहला विदेश के काम सुरु किया और इस तरह से अपने काम ब्यापार को नए आयाम दे कर देशक विदेश तक पहुंचाया, इस तरह से उस ब्यक्ति ने प्रेरणादायक उद्धरण बन गया। 


इस माध्यम में एक अपने काम को सम्भालन और प्रचार और प्रसार को बढ़ाने में दिन रात मेहनत कर के दो करक सिद्धांत को पूरा करते हुए आगे बढ़ता रहा।  



 

प्रेरणा स्त्रोत 

उनके जीवन का प्रथम प्रेरणा स्त्रोत उनके पिता जी  दोस्त थे जिन्होंने पढाई लिखाई के समय प्रेरणा दिया बाद में काम काज सिखने में उनके कलाकार पिता जी प्रेरणा स्त्रोत बनकर पूरा सहयोग किये।  

 

प्रेरक उद्धरण

उनके पढाई लिखाई  के समय जो उनके पिता जी के दोस्त से प्रेरणा मिला वही उनके लिए प्रेरक उदहारण बना। 

 

प्रेरणादायक उद्धरण

अपने जीवन में पढाई लिखाई के साथ कलाकारी सीखना कंप्यूटर सीखना समय का सकारात्मक साबुपयोग करना उपयोग करना प्रेरक विचार को सुनकर आत्मसात अपने जीवन में आत्मसाध करना उनके द्वारा दुसरो लिए प्रेरणादायक उद्धरण है। 

 

सकारात्मक उद्धरण

जो कार्य अपने लिए प्रेरणा मिला सकारात्मक ढंग से उस क्षेत्र में सीखनाविकास के लिए आगे बढ़ना, आने वाले समय के हिसाब से खुद को नए आयाम में परिवर्तित कर ने तकनिकी को अपना कर बढ़ना सकारात्मक उद्धरण है। 

   

सफलता उद्धरण

सच्चे मन से प्रेरणा स्त्रोत बनकर आये ब्यक्ति के प्रेरक विचार से प्रभावित हो कर सकारात्मक बनकर उस क्षेत्र में काम काज सीखना और बढ़ना सफलता उद्धरण है। 

 

प्रेरक विचार

विद्वान ब्यक्ति के दिए हुए विचार को जीवन में आस्थापित कर के आगे बढ़ना, विचार के हसाब से चलना, तरक्की में सफलता मिलानाप्रेरक विचार है जो उनके पिता जी के दोस्त से मिला। 

 

सकारात्मक जीवन उद्धरण

जीवन में चाहे कोई भी अवस्था हो, हर प्रकार के हाला  में समय को सकारात्मक मन कर, अपने क्षेता में बढ़ना आने वाले दिक्कतों का हल निकलकर आगे बढ़ना तरक्की करना सकारात्मक जीवन उद्धरण है। 

 

जीवन पर प्रेरणादायक उद्धरण

अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने का करना जो प्रेरणादायक ब्यक्ति होते है जिनसे प्रेरणा मिलता जीवन पर प्रेरणादायक उद्धरण होते है। 

 

आत्म प्रेरणा उद्धरण

जब हम अपने कार्य क्षेत्र या किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ते और आगे बढ़ने हौसला अपने अंतर मन से मिलता है, उस क्षेत्र में आगे बढ़ने में सफलता मिलता हैआत्म प्रेरणा उद्धरण होता है। 

 

आत्म वृद्धि

विद्वान ब्यक्ति का ज्ञान मन को अच्छा लगता है, उससे कुछ सिखने को मिलता है, मन में हौसला जगता है, कुछ करने की उसमे सफलता मिलाने लग जाता है तो आत्म वृद्धि कहलाता है। 

 

 

व्यक्तिगत प्रेरणा 

विद्वान ब्यक्ति का विचार, कार्य कौशल से प्रभावित हो कर जब कुछ खुद कुछ ऐसा करने का मन करे, अंदर से हौसला मिले उस क्षेत्र में सफलता मिले, वह व्यक्तिगत प्रेरणा है। 

 

 

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