सज्जन व्यक्ति को चाहे करोड़ों दुष्ट लोग मिलें फिर भी वह अपने भले स्वभाव को नहीं छोड़ता है.
सज्जन व्यक्ति का स्वभाव सरल और व्यवहार सहज होता है.
सज्जन व्यक्ति के मन में लालच और दूसरो
से कुछ लेने की भावना नहीं होते है. यदि सज्जन व्यक्ति किसी से कुछ लेते है तो
उनको वापस करने का वादा जरूर करते है. जब तक सज्जन व्यक्ति अपने ऊपर लगे कर्ज के
बोझ को नहीं उतार लेते है तब तक उनका मन शांत नहीं होता है. भले सज्जन व्यक्ति के
जीवन में कुछ उपलब्धि मिले या नहीं मिले पर वो मन, कर्म और वचन से सुद्ध जरूर होते
है.
शुद्धता और निर्मलता सज्जन व्यक्ति के पहचान होते है.
सज्जन व्यक्ति को चाहे कोई भी कुछ कह दे
उससे उनके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. अच्छा और उचित विचार लेना और देना सज्जन
व्यक्ति का परम कर्तव्य होता है. कोई उसे बुरा भला कहे, भद्दी बात कहे तो भी उनके
अन्दर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. लाख गन्दगी के बिच में भी सज्जन व्यक्ति को छोड़
दिया जाये तो सज्जन व्यक्ति के मन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. शुद्धता पवित्रता
निर्मलता के गुण से ही सज्जन व्यक्ति के गुण और व्यवहार में निखर लाता है.
सांसारिक जीवन में सत्य है की सज्जन व्यक्ति के पास धन सम्प्पति भले कम अर्जित करे
पर अपने जीवन को किसी गलत कार्य में लगने नहीं देते है. संतुलित जीवन के ज्ञान से
परिपूर्ण सज्जन व्यक्ति मन से प्रसन्नचित और व्यवहार में इमानदार जरूर होते है.
जिसपर कोई भी व्यक्ति बेझिजक विश्वास कर सकता है. अपने अनुभव से सज्जन व्यक्ति
अपने चाहने वाले के मन में बस जाते है.
संतुलित सोच समझ से सज्जन व्यक्ति के किसी भी जरूरी कार्य में रुकावट नहीं आता है.
सज्जन व्यक्ति अपने जीवन में संतुलित
समझ के साथ जीते है. सत्य और संतुलन पर निष्ठा रखते है. असत्य, मिथ्या, पाखंड,
धोखादारी, दूसरो के साथ छल कपट उनके जीवन में रंच मात्र भी नहीं होता है. इस कारन
से सज्जन व्यक्ति के कोई दुश्मन या बुरा चाहने वाला जल्दी नहीं होता है. मन के
संतुलित भाव से उनके जीवन परिपूर्ण होते है. सही और गलत की परख उनके जीवन की
मुख्या विशेषता होता है. सही को अपनाना और गलत से दूर रहना सरल व्यक्ति के जीवन का
वास्तविक अर्थ है. अपने ज्ञान और गुण के माध्यम से गलत राह पर चलने वाले को सही
ज्ञान ऐसे व्यक्ति जरूर देते है भले गलती करने वाला उनके बात को समझकर गलती करना
छोड़े या अपने राह पर चलते रहे इससे सज्जन व्यक्ति को कोई फड़क नहीं पड़ता है.
सज्जनता का कर्म ही होता है सही रास्ते पर चलाना.
सज्जन व्यक्ति अपने निष्ठा और सत्य के
बल पर सुख और दुःख से भरे दोनों रास्ते पर चलते है. जीवन की सच्चाई सुख और दुःख
दोनों में निहित है. लालच, बुरे कर्म से दूर रहने वाला व्यक्ति ही अपने उच्चतम
मुकाम तक पहुच पाता है. सत्य और उचित के लिए अपने जीवन को न्योछावर करने की
काविलित सिर्फ सज्जन व्यक्ति में ही होते है. निडरता से भरे सज्जन व्यक्ति किसी से
डरते नहीं है. सत्य बात को उजागर करने की सामर्थ सिर्फ सज्जन व्यक्ति के अन्दर ही
होता है इसलिए ऐसे व्यक्ति को सरल और सहज भी कहा जाता है. भले जीवन का रास्ता
कितना भी कठिन क्यों न हो पर सज्जन व्यक्ति के व्यवहार में कोई अंतर नहीं होता
है.