प्रेरणा
प्रेरणा स्त्रोत
जीवन के उन्नति के पीछे किसी न किसी का बहुत बड़ा हाथ होता है। संघर्ष हर किसी के जीवम में होता ही है। सही दिशा दिखाने वाला ही प्रेरणा स्त्रोत के महत्त्व बनता है। चाहे विद्यलय के पढाई लिखाई में किसी अच्छे अध्यापक का प्रेरणा स्त्रोत मिले। या किसी ऐसे गुरु का जो ज्ञान के माध्यम में प्रेरणा स्त्रोत बन जाए। किसी का प्रेरणा बहुत बड़ा ज्ञान देता है। जिसके अपने जीवन में किसी से अच्छे जानकर से प्रेरणा मिलता है। तो उससे अपना जीवन सफल हो जाता है।
व्यक्तित्व प्रेरणा
किसी
भी ब्यक्ति का ज्ञान जन्म के
साथ नहीं आता है। जीवन के
हर पहलू में ज्ञान हासिल करना ही
पड़ता है। जीवन में
परिपक़्वता सिर्फ किताबी ज्ञान से नहीं मिलता है। किताबी ज्ञान के साथ मन, विवेक, बुद्धि, सोच, समझ, सहज बोध, एकाग्रता, चिंतन, मनन, कल्पना, सबका उन्नत होना जरूरी होता है। जिस क्षेत्र
से जो जुड़े होते है। उस क्षेत्र के दूसरे लोग जो अपने ब्यवसाय, कार्य क्षेत्र में जो सफल या बहुत सफल होते है। उनसे भी
ज्ञान लेना पड़ता है। उनके कार्य
क्षेत्र को समझा जाता है। उनसे मिलकर उनके ज्ञान और उपलब्धि
को सुना और समझा जाता
है। उनके बात
विचार को ज्ञान समझकर प्रेरणा स्त्रोत मानकर आगे बढ़ा
जाता है। प्रेरणा स्त्रोत को सिर्फ
ज्ञान ही नहीं समझा जाता है। प्रेरणा स्त्रोत को आत्म
मनन करके जीवन में स्थापित किया जाता है। प्रेरणा स्त्रोत को महत्वपूर्ण
ज्ञान समझकर अपने क्षेत्र में आगे बढ़ा जाता है। तब जीवन में सफलता प्राप्त करने का माध्यम प्रेरणा स्त्रोत होता है।