Sunday, December 5, 2021

Speech for the festival of knowledge journey of your mind can be stopped only by knowledge

Felicitation speech for knowledge Fiesta


Knowledge is essential for the development of mind and wisdom for the development of intelligence. The ups and downs in life can be balanced through knowledge. Eliminates the pleasure of the mind of knowledge. Knowledge is helpful for listening to the inner voice. Knowledge is the best medium to maintain the communication system of life. With knowledge, everything is possible. Discussion with people is done through knowledge only. Knowledge is light, ignorance is darkness. Knowledge is the only way to come out of the darkness and come into the light. Knowledge is understanding. The dimension of understanding is from knowledge itself. Knowledge brings peace to the mind and development of the soul. Human life is for knowledge only. You can overcome great difficulties and obstacles only with knowledge. If there is knowledge, then it is itself a guide. The behavior done by understanding the subject matter is positive, so knowledge is always positive. The journey of your mind can be stopped only by knowledge. To run after what is important and to leave things to waste is knowledge.  



Saturday, December 4, 2021

Company knowledge is usually found for the knowledge of the company, there are many subjects like secretary studies, commerce studies, bookkeeping

Company knowledge is usually found in

 

For the knowledge of the company, there are many subjects like secretary studies, commerce studies, bookkeeping, in which the study of the company is mentioned. Which takes 2 years 3 years study time. After which you can start your work under your company by taking a degree.

Thursday, December 2, 2021

प्रेरणादायक वाक्य स्वयं के लिए प्रेरणादायक उदाहरण (Self motivational quote Self inspirational quote)

स्वयं के प्रेरणात्मक उद्धरण (Self motivational quotes)


स्वयं के प्रेरित विचार (Self inspirational quote)


गरम मिजाज़ पर काबू और सरलता का बढावा किसी भी प्रकार के विवाद को काबू में रखने के लिए कामयाबी हासिल करता है.

 

दूसरो को चक्कर में डालने वाले कभी ये मत भूले की वो स्वयं सात चक्र के चक्कर में फसे हुए है, जिसमे से वो कभी भी नहीं निकल सकते है यदि ऐसा करना जारी रखते है तो.

 

गुलाब से सुगंध आती है तो उसके तन में भी कांटे रहते है, जीवन को सुगन्धित बनाने के लिए काँटों से भरे रास्ते पर भी चलाना होता है, यही वास्तविक जीवन का सच्चा ज्ञान है.

 

किसी की चाह में अपने मन के खुशियों का बलिदान कुछ समय के लिए शांति दे सकता है, पर दिल सोचता है की ये शांति कब तक टिका रह सकता है.

 

जीवन में खुशहाल जिंदगी जीने के लिए लड़ना जरूरी है तो खुद के ख़ुशी के लिए जरूर लड़े, पर किसी दिन दुखी मजलूम के लिए दिल में दया की भावना जरूर रखे इससे परमात्मा प्रसन्न होते है.

 

किसी के मन को जितना है तो खुद को पुरे मन से चाहना सीखिए, जिस दिन खुद से प्यार करने लग जायेंगे तो किसी के भी मन को जित सकते है.

 

जीवन को भागम भाग बनाने से मन को ख़ुशी नहीं मिलाती है, वास्तविक ख़ुशी तो जीवन के इस्थिरता में समाहित है,

 

कोई भी तो कुछ भी नहीं अपने साथ लाया है, जाने के समय भी तो वो कुछ भी नहीं ले जा पायेगा.

 

जज्बात में रहने से व्यवहार नहीं बनता है, सोच समझकर व्यवहार करने से काम बनता है, किसी चीज की प्राप्ति के लिए बुद्धि विवेक से काम लिया जाता है.

 

तक़दीर को दोष देने से कोई फायदा नहीं है, इससे कोई काम नहीं बनता है, अपने कर्म को समझने से तक़दीर का दोष समझ में आता है.

 

उज्जवल भविष्य के लिए खुश और प्रसन्न रहना चाहिए, दुखी और निराश रहने से परमात्मा कभी साथ नहीं देते है इससे दुःख और बढ़ता है.

 

अपने हित के लिए दूसरो को आहात पहुचना कहाँ तक ठीक है, हम किसी को कुछ देते है तो हमें भी कुछ प्राप्त होता है, लेन देन प्रकृति की दें है इससे कोई बाख नहीं सकता है.


जीवन संघर्स से भरा हुआ है, सुख दुःख जीवन का साथी है, इससे चाहे जितना भागना चाहे, ये कभी भी अपना साथ नहीं छोड़ते है है.

 

मस्तिष्क पर सवार होने वाले सवाल से यदि व्यथित नहीं हो तो वही सवाल बिगाड़ने के बजाय बेकार हो जाते है.

 

जो जोश से भरकर बेहोशी में गलत कदम उठाता है, फिर उसके कदम कभी भी सही रास्ते पर नहीं जाते है.

 

किसी के दिल को दुखाने से पहले समझ ले की उसके दिल से निकले एक एक आह को बद्बुआ बनाने में बिलकुल भी समय नहीं लगता है.

 

दिल के जख्म को निदान देने के बदले यदि कुरेद दिया जाये तो इन्सान इसलिए शैतान बन जाता है.

 

घाव चाहे जैसा भी हो वो भर जाता है, यदि बारम्बार कुरेद रहे है तो उसको कभी भरने का मौका नहीं मिलाता है, फिर वो नासूर बन जाता है.

 

किसी के रास्ते को रोकने कोई फायदा नहीं मिलाता है, दुसरे रास्ते स्वतः ही खुल जाते है, पर रास्ते रोकने वालो के जीवन में हजारो रुकावट स्वतः ही उत्पन्न हो जाते है, जिसका उसे कभी पता नहीं चलता है.

 

जीवन के स्वास के आभा का रंग चमकदार होता है, चिंता फिक्र का प्रभाव उसका रास्ता रोककर उसे मलिनता में परिवर्तित कर देता है, इसके कारन से ही जीवन में अन्धकार फ़ैलाने लग जाता है.

 

जिसके साथी बनाने में कोई हर्ज नहीं है तो उसके दुश्मन बनाने से कोई फड़क नहीं पड़ता है, आत्मा को सबकुछ पता होता है, दुश्मनी करने वालो के जीवन में किसी भी सत्कर्म का परिणाम भी सकारात्मक नहीं निकलता है.

 

मन में लगी आग कभी भी जीवन में नहीं लगना चाहिए, मन इसी आग में जलकर एक दिन प्रखर होता है, पर जब मन की आग जीवन में लग जाती है, तो प्रखर होने के बदले पतन की ओर ले जाती है.

 

जीवन की खुबशुरती भावनाओ में खोजने के बदले अपने चरित्र में खोजने से मन मस्तिस्क में निखार आता है.


दुसरे के ह्रदय को सताने से खुद के पीड़ा का पता नहीं चलता है और जीवन का पतन भी समझ नहीं आता है.

 

एक न एक दिन सबको मरना है खुल कर जीना चाहिए.

 

सुख के तलाशा में खुद के जीवन को प्रताड़ित करने से आत्मा को कभी शांति नहीं मिलाती है.

 

सुख के खातिर सभ्यता छोड़ने से दुःख और भी बढ़ जाता है.

 

कितने भी कांटे जीवन हो पर पीड़ा सभी कांटे से नहीं होता है.

 

हमसे उलझकर के क्या फायदा उलझन को समझना है तो अहम् से उलझन देखे.

 

जीने की राह में पत्थर डालने वाले के जीवन में असंख्य पत्थर पहले से होते है, जिन्हें वो बटता रहता है.

 

कर्म के अनदेखी में न जाने कितने ऐसे कार्य हो जाते है जिसे कभी करना नहीं चाहिए.

 

चाहे जैसा भी समय हो पर सादगी जीवन से कभी जाना नहीं चाहिए.

 

झूठ के परदे से सच्चाई कभी भी उजागर हो सकता है.


असफलता ही सफलता के निशानी है, हार कर भी लोग जीतते है, प्रयास कभी कम नहीं होनो चाहिए.


संघर्स आखिरी दम तक करना होगा, भले जिंदगी में उतार आये या चढ़ाव, अपने दायित्वों से कभी मुह नहीं मोरना होता है.


जीवन में विकाश के लिए अथक परिश्रम और संघर्स करना पड़ता है.

 

शरीर को चुस्त दुरुस्त रखना है तो सुबह जल्दी उठे पर रात को देर से न सोये.

 

जीवन में कुछ बनाना चाहते है तो मानसिक इच्छा का त्याग करना सीखे.

 

मनोबल मजबूत है तो कठिन से कठिन कार्य कर सकते है.

 

मन को शांत करने से अच्छा है की स्वयं शांत होकर रहे मन को शांति मिलेगी.

 

जीवन में ऊपर उठाना है तो किसी से कुछ लेने की भावना से बेहतर है देना सीखे.

 

ह्रदय में प्रसन्नता चाहते है तो मन के कठोरता का त्याग कर दे.

 

भोजन वही करे जिससे शरीर चलता है जो शरीर को लगे.

 

असत्य के पीछे भागने से अच्छा अपने मन में झाक कर देखे.

 

कौन से हम कितने बेहतर है क्यों किसी को दिल से बुरा कहे.

 

कथनी से करनी अच्छा है न की करनी से कथनी.

 

बीती यादो में भटकने से अच्छा है की वर्तमान में जीना सीखे.

 

कल्पना वही करे जिसे पूरा करने में सहूलियत हो.

 

कल्पना को कभी भी कल्पना के परे नहीं होने दे.

 

सोच, समझ, बुद्धि, विवेक ये सभी गुण है.

 

अज्ञान के अँधेरे में रहने से अच्छा है की ज्ञान के प्रकाश में रहे.

 

सोच समझ कर किया गया कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता है.

 

अच्छा करे स्वयं के बारे में कभी बुरा नहीं सोचे.

 

दिन के कार्य को रात में कभी पूरा न करे रात को रात ही रहने दे.

 

जब रात गई और बात गई तो फिर पीछे मुड़कर क्यों देखना.

 

महत्वकांक्षी बनाने से अच्छा है सदाचारी बने.

 

ब्रहमचर्य और धर्म के रक्षा के लिए सत्यनिष्ठ और निडर बने.

 

जीवन हा तो संघर्स भी है स्वयं से फिर क्यों भागना.

 

डरने से अच्छा है अपने लक्ष्य को पार कर जाये.

 

रोटी कपडा मकान सबसे जरूरी चीज है.

 

पापी पेट के लिए चाहे कुछ भी करना पड़े, पर मन को कभी भी दुर्बल नहीं होने दे

 

मन से बड़ा जानुक और निष्ठुर दुनिया में कुछ भी नहीं है, मन के भाव के निष्ठुरता से बचने के लिए स्वयं के कठोरता को छोड़ दे.

 

जीवन में तन्हाई को स्वीकार करना सीखे, आने जाने वाले ख्यालो से मन को बचाकर रखे.

 

भरोसे पर पूरी दुनिया कविज है, पर क्या स्वयं से एक भी भरोसा कर सकते है.

 

विश्वास मन की जित है, स्वयं से विश्वास मनोबल है, दूसरो पर विश्वास इच्छाशक्ति है, जब अपने मन का भेद ही विवादास्पद हो तो भरोसा कहाँ से हो.

 

हम रहे या नहीं रहे, पर अहम् कभी नहीं रहना चाहिए.

 

जिसके अवगुण में भी गुण दिखे, तो उससे बड़ा भला और कौन हो सकता है.

 

एकाकी जीवन के नाम पर विषय वस्तु से ऊपर भी तो ख़ुशी और प्रसन्नता है, एक बार समझ कर देखे.

 

मौजूदा समय में मौनव्रत जीवन के सच्चाई से परिचय करता है, संघर्स के नाम पर हर समय विषय वस्तु में उलझे रहना कहाँ तक ठीक है.

 

जीवन है तो सच्चाई भी होनी चाहिए, जीवन में मृतु से बड़ा सच कुछ और नहीं हो सकता है, कर्म से बड़ा फलसफा क्या हो सकता है.

 

जीवन और मृतु के बिच का फासला सिर्फ सांसे ही है, अच्छे और बुरे कर्म का फासला संतुलन ही है, यही सत्य है.

 

कथनी से करनी बहूत अच्छा माना जाता है, पर जीवन में कभी भी कुछ ऐसा नहीं करे की वो करनी खुद पर ही भरी न हो जाये, फिर वो बोझ कभी हल्का नहीं होता है.

 

दिल दरिया और मन समुद्र होना तो ठीक है, पर उसमे कभी प्रदुषण नहीं होने दे.

 

सुनो तो अपने दिल की और करो तो अपने मन की, पर मनमर्जी कभी को गलत बात सोचा नहीं करे.

 

चार दिशा, चार पहर, चौतरफा संसार, चौथे पड़ाव में फसे मनुष्य, ये कैसी कुदरत का वरदान.

 

रिश्ते की दुहाई मत दो ए मालिक, एक दिन सबको इस जमीन में मिल जाना है, तब न जाती बचे न धर्म सिर्फ बचेगा सत्कर्म.

 

समय जवाह है की जो जैसा किया है, परिणाम वैसा ही मिला है.

 

संसार के आपाधापी में मनुष्य खुद को भूलने लग गया है, खुद के मन में झाकने के बदले दुसरे के मन में झाकने लग गया है.

 

जख्म को खुरेदकर नासूर बनाने से अच्छा है की उसे अपनी जगह पर रहने दे, कुछ दिन में वो अपने आप भार कर ख़त्म हो जायेगा.

 

जीवन की कर्म कमाई अपने बच्चे में झलकती है, जैसा खेल में बिज डालेंगे वैसा ही पैदावार होगा.

 

जीवन की संसार व्यवस्था सांसो से है अक्सर उझान और समस्या इसके रह रोक देते है.

 

सुभ मुहूर्त के पीछे भागने वाले कौन से मुहूर्त में आये है और कौन से मुहूर्त में चले जाते है, पता ही नहीं चलता है.

 

सच्ची चीज इसी संसार में है दिख रहा है पर समझ नहीं आ रहा है.

 

दिल बोला आँख से तुम देखना कम करो, आँख बोला दिल से तुम तुम ज्यादा सोचा नहीं करो.

 

जीवन का रास्ता कई दिशा से निकालता है, सकारात्मक पहलू और सत्कर्म के उद्देश्य है तो हर कोई मददगार है.

 

जो व्यर्थ मन में पड़े हुए है जिनका कोई उपयोग नहीं है, उसको बहार निकलकर मन और आत्मा को तृप्त करे.

 

सुबह सुबह ताजा स्वास के साथ नए विचार और नए धारणाये के साथ अच्छी सोच सदा उपलब्धि दिलाता है.

 

सच्चे मन की कल्पना अस्तित्व की पहचान करता है और यथार्थ से परिचय करता है.

 

दिलो में ज़ज्बात चाहे कुछ भी हो पर उसका प्रभाव मन पर नहीं पड़ना चाहिए.

 

कलपना में खुद को सँभालते हुए कल्पनातित कभी नहीं होना चाहिए.

 

कभी भी अपने सोच को अपने समझ तक ही रखना चाहिए.

 

विवादों में उलझने से अच्छा है की शांत रहकर समस्या को सुलझाये.

 

सोच समझ विवेक बुद्धि ये सब मन के गुण है जो दिमाग में सक्रीय रहते है.

 

जीवन में किसी से उपकार लेने की भावना से उठकर परोपकार की भावना रखना चाहिए.

 

मन की उड़ान असीमित है, स्वच्छता से सदाचारी बनाना चाहिए.

 

जीवन में जब तक मन में सहनशीलता नहीं, तब तक मन का विकार कभी दूर नहीं हो सकता है.

 

श्रधा शक्ति और विश्वास से आत्म बल बढ़ता है, ये सकारात्मक गुण है.

 

जिज्ञासा वही तक सही है जहा तक मन समझ सके, जरूरत से जायदा समझ मन को उलझन में दाल देता है.

 

मन के भटकन को मन में ही रहने दे, बुद्धि विवेक से काम ले.

 

जीवन सुख का सागर है, दुःख को कभी भी जीवन पर हावी नहीं होने दे.

 

दूसरो के मन में झाकने से अच्छा है, खुद के मन में झाके.

 

कठिनाई को समझने से अच्छा खुद को समझने का प्रयाश करे, कठिन से कठिन समस्य सुलझने लग जायेगा.

 

शांति का रास्ता तब पूर्ण होता है जब मन में किसी के प्रति कोई वैर न हो.

 

धतूरे और सोना को "कनक" की संज्ञा दी गई है, दोनों के मात्र मन में बढ़ने पर उथल पुथल महशुश होता है.

 

अन्धरुनी दुःख का कारन, उन्मूलन स्वप्नलोक की छविया में है.

 

जीवन है परमात्मा का वरदान, इसमे है स्मृतयो की छाया.

 

अपनों के दुःख से दुखी होना स्वाभाविक है, पराये तो सिर्फ सांत्वना ही देते है.

 

सुख दुःख में अपने ही साथ देते है, परये तो सिर्फ मददगार है.

 

अपने दिल के वेहद करीब होते है, पराये कभी अपने नहीं हो सकते है.

 

दुःख अपनों दे ज्यादा और परायो से कम होता है.

 

समय और हालात से बदलाव, सफल जीवन की निशानी है.

 

मन सुख दुःख के लिए हो सकता है, पर ज्ञान बुद्धि विवेक के लिए होता है.

 

अज्ञानता अंधकार है तो ज्ञान प्रकाश है.

 

विधता का नियम है एक आता है तो एक जाता है.

 

कर्म इन्सान को सच्चे रास्ते पर लेकर जाता है, सत्कम जीवन की उन्नति है और दुष्कर्म अवनिती है.

 

कौन क्या कहता है? इसकी परवाह न करे तो बेहतर है.

 

दुनिया को समजना है तो खुद को पहले समझे.

 

खामोश क्यों है लोगो की बात सुनकर? अपने समझ और विवेक से उसको जवाब जरूर देना चाहिए.

 

निराशा में जीना छोड़ दीजिये. आशा का दमन पकड़ना सीखिए.

 

भलाई वही तक करिए जहा तक तक मन साथ दे, अन्यथा बेमन से किया गया कोई मदद फलित नहीं होता है, चाहे देने वालो को या लेने वाले को.

 

 

मन के हरकतों से संज्ञान होकर खुद से बेपरवाह होना छोड़ दीजिये.

 

मन को मन ही में रहने दीजिये, जो चल रहा है चलने दीजिये. जो जरूरी हो उसे ही सक्रीय होकर कर नियंत्रित करिए.

 

मन को बुद्धि वेवक से मत खेलिए, हो सके तो समय को मन से देखिये और बुद्धि विवेक से काम लीजिये.

 

किसी को वेवजह मत उकसाइए की वो हरकत में आ जाये.

 

अपने जीवन को कभी भी कटी पतंग मत समझिये, जीवन का डोर बेहत कच्चे धागे से बना है, उसको सँभालने के लिए ज्ञान को परिपक्व करिए.

 

मन का धरनाओ में उसे ही जगह दीजिये जिससे कोई काम बन सके.

 

मन की हरेक बात सुनिए पर क्रियान्वित करने के लिए दिमाग, बुद्धि, विवेक का सहारा लीजिये.

 

बेवजह के झंझट में पड़ने से अच्छा है की सूझ बुझ से काम करिए.

 

मन को कभी नहीं रुलाइए, मन परमेश्वर का वरदान है.

 

भावनाओ को मन के साथ खेलने का प्रयाश नहीं करे, मन को आज तक किसी ने भी नहीं समझ पाया है.

 

अपने निर्णय को समझदारी से परखिये, बगैर सोचे समझे कोई निर्णय नहीं लीजिये.

 

भोजन उतना ही करिए जो शरीर को लगे, असंतुलित भोजन शरीर को श्मशान बना देता है.

 

कर्वी निम भले जवान को कड़वा लगता है, रोग और विषाणु को वही नस्त करता है.

 

स्वादिस्ट भोजन मन को अच्छा लगता है, पेट में जाकर रोग बढ़ाने का जरिया बनता है.

 

ज़माने के दस्तूर के आगे नतमस्तक इन्सान ही स्वयं को अधर में डालकर प्रखर होता है.

 

निज मन की व्यथा से परिचित व्यक्ति को की सहनशक्ति प्राप्त होती है.

 

छल कपट से ऊपर सोचने वाला व्यक्ति ही संसार में नया आयाम लाने की क्षमता रखता है.

 

मिथ्या को समझने वाला ही इन्सान सच्चा होता है, मिथ्या में पड़ने वाला ही दुसरे को भ्रमित करता है.

 

अलंकार से शोभा और मान बढ़ता है, जबकि कलंककार से प्रसिद्धि समाप्त होती है.

 

इज्जत और सम्मान में व्यय समय ही पुरखो के मान मर्यादा को बचाते है.


संघर्स करना सीखे कल्पना में ख़ुशी को खोजने से अच्छा है, उसको प्राप्त करने का प्रयास करे.

 

सोच और फिक्र में जीवन को सताने से अच्छा है, वही करे जो संभव हो, असंभव को प्रयास से संभव बनाना सीखे.

 

गमों से कभी भी समझौता नहीं करे, जिस बात का दुःख है उसके बदले कुछ अच्छा सोचे.

 

बुराई को कभी भी मन में बढ़ावा नहीं दे, बुराई से लड़ना सीखे. 


मन को पहाड़ न बनाये, अपने मन के आयाम को पर्वत बनाये.

 

जीवन में मन को एकाकार बनाये रखे, जो करे वही सोचे न की जो नहीं कर सकते है उसके बारे में सोचे.

 

बेख़ौफ़ ज़माने में रहना सीखे, मन के डर पर विजय प्राप्त करने का प्रयास करे.

 

हसी के हंगामे में शिरकत करे पर किसी के हसी और मजाक का कारन नहीं बने.

 

जीने के लिए दुनिया में बहूत कुछ है, अच्छी चीज़े ग्रहण करे, बुरे चीज को मन से निकाल फेके.

 

जिनके दिल में ख़ुशी और प्रसन्नता होता है परमात्मा वही विराजवान होते है.


माँ से बड़ा रक्षक और पिता से बड़ा ज्ञानदाता और भला कौन हो सकता है?

 

क्या माता पिता के सम्मन एके बिना इस्वर भक्ति संभव है, तो वो किस काम का?

 

जिसके रक्षक माता पिता के आशीर्वाद होते है, उसका भक्षण करने का सामर्थ्य किसी में नहीं होता है.

 

प्यार दुलार और ममता बचपन से बच्चे को मिले तो बच्चो में परवरिश के साथ ज्ञान और क्षमता ज्यादा बढ़ता है.

Tuesday, November 30, 2021

What kinds of thoughts might come to your mind when studying historical sources? While studying the subject, its outline starts appearing on the back of the mind. When there is something related to history

What kinds of thoughts might come to your mind when studying historical sources?

 

While studying the subject, its outline starts appearing on the back of the mind. When there is something related to history, then the person to whom it is mentioned, then it is good to see the qualities of the person. The thought of the courageous and the patriot affects the mind. Referring to people of wrong character creates anger or negative feelings in the mind. Reading history from the point of view of knowledge gives an opportunity to understand the knowledge and experience of mythological people. Unless the source and effect of one's inspiration in life is found in one's life, then the real development does not happen in the mind and life. Mind and knowledge are blind, as you build it with your intellect, the same effect comes in your life. Reading good books for positive thinking, historical information forces the mind to be good.


Monday, November 29, 2021

Definition of critically discuss intelligence bad quality to always be angry and keep sleeping for a long time. There is a habit of being lost in the imagination of the mind and making up the mind.

Critically discuss intelligence as a general intellectual ability

 

A person with normal intellectual ability has the same knowledge that comes in his life, there may be a lack of understanding. Such a person considers it necessary to speak a bitter sentence without understanding the whole thing or listening to the incomplete thing. Said Jai, such a person has very little knowledge, in which there is a complex understanding. He wants to put his sentence at the forefront when there is no power in that sentence. Those who talk like a fool can never move forward. Weak in the social sphere too. Being inner face, there is a negative attitude. Whereas an introverted person should be positive. It is their nature to disrespect the things told by the scholars and consider themselves to be big. Such a person disrespects the relationship in front of his understanding. It may be that the elders should be respected with respect, but sometimes it may be their nature to mortify their mind. In the laziness-filled nature, no work is completed on time by such people. It is their bad quality to always be angry and keep sleeping for a long time. There is a habit of being lost in the imagination of the mind and making up the mind.


Sunday, November 28, 2021

Own knowledge own feelings heartless and relaxed is knowledge to feel life is knowledge

Brief Note on How I Create Knowledge

 

Where do I come from? Who am I? What happens to me? What do I consider myself to be? To understand knowledge, it is necessary to explain oneself first. Knowledge is generated only by understanding oneself. Knowledge is created by understanding oneself. Everything is contained in one's own knowledge. own feelings. Heartless and relaxed is knowledge. To feel life is knowledge. The source and origin of the inner and outer mind is knowledge. The joys and sorrows of life are knowledge. Breathing, speaking, hearing, seeing is the knowledge which is inspired in the mind through the mind and heart. Understanding is knowledge. Wisdom is wisdom. Whatever arises in life, the emotion that arises in the mind is knowledge in the form of understanding.

Saturday, November 27, 2021

Research by the great psychologist Edward Thorndike there are three types Tangible intelligence, intangible intelligence, social intelligence

How many types of intelligence are given by Edward Thorndike?


According to the research done by the great psychologist Edward Thorndike, there are three types of intelligence.

 

Tangible intelligence which is known as the intelligence of the outer world.

In the external intellect, there is a mention of action, mobility, behavior, hard work etc. On the strength of your intellect, you have to build something and build something. Tangible intelligence is also called practical intelligence. The importance of behavior and action is in this.

 

The intangible intelligence which is inside the mind in the inner world is called inner intelligence.

Everything that happens in the inner world happens through imagination and mind. Research, invention, writing, all these happen in the mind through imagination which is created by the thoughts of the mind which is actively generated. The knowledge of the doctor, the knowledge of the book, learning something by reading is not of action but of mind and imagination. Such persons are lonely, do not talk much to anyone, remain silent in themselves.

 

Social intelligence is rich in versatility.

Social intelligence is also called multifaceted intelligence. In this, there is an importance of reconciliation between people, establishing relationships, making leaders, making mischievous things etc. Such persons meet people from house to house. They have dominance in the society and among the people.

According to Edward Thorndike, intellect is based on the nature of the mind, which is more visible in its nature, from this it can be inferred that the person belongs to which nature.

Friday, November 26, 2021

Changing oneself for change of intellect, change is possible by establishing effective necessary logic in life by thinking wisely

 How is intelligence related to bringing about change?

 

Changing oneself for change of intellect, change is possible by establishing effective necessary logic in life by thinking wisely.

Just as people's preferences change with time, so does life. Knowledge keeps on increasing in life continuously, similarly change comes in life. The dimension of knowledge and the events that happen in life only increase the intellect-discretion. Growing up from the understanding of childhood and coming to youth, then there is also development in understanding and intelligence. The ability to do something from the dimension of your knowledge and experience makes the mind happy, so that enthusiasm and enthusiasm, by participating in new construction, reaches that construction completely, which helps in moving forward from satisfactory results. From this, the change in its new form is established in the success of life according to wisdom and discretion.

 

When the realm of right knowledge is created by taking lessons from life events for change

It is from the knowledge of the event that effective knowledge arises in the mind and mind. Accepting the positive aspect and leaving the negative aspect out of life, what one keeps in his mind becomes necessary for life. When the need is right and necessary, then the activity of the responsibility work increases, due to which the necessary work starts progressing in the successful direction, along with the mind also gets refined. Better in imagination than the Sikh of the wisdom of life. By trying to receive things, the mind is controlled and the intellect becomes active. Controlling the thinking of the mind with the help of imagination and carrying out the work is a change.  

Connect Ubon Wireless Earphone CL 30 to Mobile? Ubon is India's own device, it is a Made in India product. Its battery backup is very high, it lasts up to 10 hours. How to connect Ubon

How to Connect Ubon Wireless Earphone CL 30 to Mobile?

 

Ubon is India's own device 

Ubon Wireless Earphone CL 30 is a Made in India product. Its battery backup is very high, it lasts up to 10 hours. How to connect Ubon Wireless Earphone CL 30 to mobile is very easy. There are 3 buttons in the head phone system, through which you can turn the device off or on, you can reduce or decrease the sound, out of which one button is for bluetooth, which has to be started first, after that the bluetooth of any mobile phone is very good. Connects quickly. Its main feature is that with the melody of the music, its LED lights are extinguished according to the tune.




Ubon

Motorola TV Stick to your TV then search for Bluetooth device in Device & Accessories in Settings. After pairing the device to the system, Bluetooth will start working

Motorola TV Stick can't find Bluetooth device?

 

Motorola TV Stick is an external device that can connect to any B TV or laptop, computer. To connect Bluetooth, first of all connect Motorola TV Stick to your TV then search for Bluetooth device in Device & Accessories in Settings. After pairing the device to the system, Bluetooth will start working.




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