Wednesday, January 26, 2022

सज्जन व्यक्ति अपने निष्ठा और सत्य के बल पर सुख और दुःख से भरे दोनों रास्ते पर चलते है

सज्जन व्यक्ति को चाहे करोड़ों दुष्ट लोग मिलें फिर भी वह अपने भले स्वभाव को नहीं छोड़ता है.

 

सज्जन व्यक्ति का स्वभाव सरल और व्यवहार सहज होता है.

सज्जन व्यक्ति के मन में लालच और दूसरो से कुछ लेने की भावना नहीं होते है. यदि सज्जन व्यक्ति किसी से कुछ लेते है तो उनको वापस करने का वादा जरूर करते है. जब तक सज्जन व्यक्ति अपने ऊपर लगे कर्ज के बोझ को नहीं उतार लेते है तब तक उनका मन शांत नहीं होता है. भले सज्जन व्यक्ति के जीवन में कुछ उपलब्धि मिले या नहीं मिले पर वो मन, कर्म और वचन से सुद्ध जरूर होते है.

 

शुद्धता और निर्मलता सज्जन व्यक्ति के पहचान होते है.  

सज्जन व्यक्ति को चाहे कोई भी कुछ कह दे उससे उनके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. अच्छा और उचित विचार लेना और देना सज्जन व्यक्ति का परम कर्तव्य होता है. कोई उसे बुरा भला कहे, भद्दी बात कहे तो भी उनके अन्दर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. लाख गन्दगी के बिच में भी सज्जन व्यक्ति को छोड़ दिया जाये तो सज्जन व्यक्ति के मन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. शुद्धता पवित्रता निर्मलता के गुण से ही सज्जन व्यक्ति के गुण और व्यवहार में निखर लाता है. सांसारिक जीवन में सत्य है की सज्जन व्यक्ति के पास धन सम्प्पति भले कम अर्जित करे पर अपने जीवन को किसी गलत कार्य में लगने नहीं देते है. संतुलित जीवन के ज्ञान से परिपूर्ण सज्जन व्यक्ति मन से प्रसन्नचित और व्यवहार में इमानदार जरूर होते है. जिसपर कोई भी व्यक्ति बेझिजक विश्वास कर सकता है. अपने अनुभव से सज्जन व्यक्ति अपने चाहने वाले के मन में बस जाते है.

 

संतुलित सोच समझ से सज्जन व्यक्ति के किसी भी जरूरी कार्य में रुकावट नहीं आता है.

सज्जन व्यक्ति अपने जीवन में संतुलित समझ के साथ जीते है. सत्य और संतुलन पर निष्ठा रखते है. असत्य, मिथ्या, पाखंड, धोखादारी, दूसरो के साथ छल कपट उनके जीवन में रंच मात्र भी नहीं होता है. इस कारन से सज्जन व्यक्ति के कोई दुश्मन या बुरा चाहने वाला जल्दी नहीं होता है. मन के संतुलित भाव से उनके जीवन परिपूर्ण होते है. सही और गलत की परख उनके जीवन की मुख्या विशेषता होता है. सही को अपनाना और गलत से दूर रहना सरल व्यक्ति के जीवन का वास्तविक अर्थ है. अपने ज्ञान और गुण के माध्यम से गलत राह पर चलने वाले को सही ज्ञान ऐसे व्यक्ति जरूर देते है भले गलती करने वाला उनके बात को समझकर गलती करना छोड़े या अपने राह पर चलते रहे इससे सज्जन व्यक्ति को कोई फड़क नहीं पड़ता है.

 

सज्जनता का कर्म ही होता है सही रास्ते पर चलाना.

सज्जन व्यक्ति अपने निष्ठा और सत्य के बल पर सुख और दुःख से भरे दोनों रास्ते पर चलते है. जीवन की सच्चाई सुख और दुःख दोनों में निहित है. लालच, बुरे कर्म से दूर रहने वाला व्यक्ति ही अपने उच्चतम मुकाम तक पहुच पाता है. सत्य और उचित के लिए अपने जीवन को न्योछावर करने की काविलित सिर्फ सज्जन व्यक्ति में ही होते है. निडरता से भरे सज्जन व्यक्ति किसी से डरते नहीं है. सत्य बात को उजागर करने की सामर्थ सिर्फ सज्जन व्यक्ति के अन्दर ही होता है इसलिए ऐसे व्यक्ति को सरल और सहज भी कहा जाता है. भले जीवन का रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो पर सज्जन व्यक्ति के व्यवहार में कोई अंतर नहीं होता है.  

Tuesday, January 25, 2022

Nature of a gentleman is simple and behavior is easy and no feeling of greed and taking anything from others in the mind of a gentleman

Qualities and behavior of a gentleman


Even if a gentleman meets crores of wicked people, yet he does not give up his good nature.


The nature of a gentle man is simple and behavior is easy.

There is no feeling of greed and taking anything from others in the mind of a gentleman. If a gentleman takes something from someone, he definitely promises to return it. Till the gentleman does not take off the burden of debt imposed on him, his mind does not calm down. Whether a gentleman may or may not get some achievement in his life, he is definitely purified by his mind, deeds and words.

 

Purity and saintliness are the hallmarks of a gentleman.

No matter what anyone says to a gentleman, it has no effect on him. Taking and giving good and proper thoughts is the ultimate duty of a gentleman. If someone calls him bad or bad, even if he says bad things, there is no effect in him. If a gentleman is left in the midst of lakhs of filth, there is no effect on the mind of the gentleman. Purity, purity brings brilliance in the qualities and behavior of a gentleman only with the quality of purity. It is true in worldly life that a gentleman may earn little wealth but he does not allow his life to be engaged in any wrong work. A gentleman who is full of knowledge of balanced life, is definitely happy with his mind and honest in his dealings. On which anyone can trust freely. With his experience, a gentleman settles in the mind of his lover.

 

By understanding balanced thinking no hindrance in any important work of a gentleman.

A gentleman lives his life with a balanced understanding. Believes in truth and balance. Falsehood, falsehood, hypocrisy, deceit, deceit and deceit with others are not even a joke in their life. Due to this reason, no enemy or bad lover of a gentleman is in a hurry. Their life is complete with a balanced sense of mind. The test of right and wrong is the main feature of their life. Adopting the right and staying away from the wrong is the real meaning of a simple person's life. Through his knowledge and qualities, such a person definitely gives the right knowledge to the one who walks on the wrong path, even if the person who commits a mistake stops making a mistake after understanding his point or keeps on walking on his path, it does not hurt the gentleman.

 

The act of gentleness is to drive on the right path.

A gentleman walks on both a path full of happiness and sorrow on the strength of his loyalty and truth. The truth of life lies in both happiness and sorrow. Only a person who stays away from greed and bad karma can reach his highest point. Only a gentleman has the ability to sacrifice his life for the sake of truth and right. A gentleman full of fearlessness is not afraid of anyone. The power to reveal the truth lies only in a gentleman, so such a person is also called simple and easy. No matter how difficult the path of life is, but there is no difference in the behavior of a gentleman.

Monday, January 24, 2022

पेन से लिखने के समय लगातार घूमता रहता है पीछे से इंक उसमे लगकर लिखने वाले जगह पर निशान बनता जाता है. जिसे बाल पेन का लिखावट कहते है

बाल पेन 

सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है पहले नरकट के कलम या साही के काटे, कबूतर, मोर के पंख इत्यादि उपयोग में लिए जाते थे जिसे स्याही के में डुबोकर लिखा जाता था. परंपरा बदला उसके स्थान पर जीभ वाले कलम आ गए. जिसके पीछे एक लम्बी डब्बी लगी रहती थी. आज के समय में जज इस पेन का उपयोग करते है.

समय बदला कलम के स्थान पर बाल पेन ने अपना जगह बना लिए. नित्य नए खोज से पहले के मुकाबले बाल पेन पहले से बहूत पतला लिखने में सफल हो गया है. आमतौर पर प्लास्टिक के बने छरिनुमा पेन आता है. जिसमे रिफिल भरा जाता है. उससे भी अविष्कारक आगे बढ़ कर अब लिखो फेको पेन बना दिया है. जो पतले होने साथ साथ बहुत सस्ता भी होता है. इसमे न रिफिल की जरूरत न कोई ढक्कन के सिबाय तीसरा कोई वस्तु. यदि पास में पेन नहीं तो अब ये किसी भी दुकान पर आराम से मिल जाता है. भले किराणे की दुकान हो या छोटा मोटा कोई भी कटलेरी की दुकान सब जगह उपलब्ध है.

 

समय के अनुसार परंपरा बदला पर लिखाई के लिए अब भी पेन ही है पहले वो कोई अब पंख या नरकट का न हो कर लिखो फेको हो गया है. 

बात पेन के लीड की बनावट कहे तो वो मेटल का होकर स्टील पलिस किये होते है इसके शिर्ष पर एक बेहद छोटा छर्रा होता है. जो पेन से लिखने के समय लगातार घूमता रहता है. पीछे से इंक उसमे लगकर लिखने वाले जगह पर निशान बनता जाता है. जिसे बाल पेन का लिखावट कहते है.  

नाग लिंगम शेषनाग वाला शिवलिंग लेपाक्षी मंदिर जो वीरभद्र मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है सात मुह वाला लिंगम लेपाक्षी मंदिर की मुख्या विशेषता है

लेपाक्षी मंदिर अनंतपुर आन्ध्र प्रदेश

 

अनेको रहस्य से भरा लेपाक्षी मंदिर जो की वीरभद्र मंदिर है. 

जो लेपाक्षी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. लेपाक्षी गाँव अनंतपुर आन्ध्र प्रदेश में स्थित है. नजदीक प्रसिद्ध शहर बंगलौर से लगभग १४० किलोमीटर पर स्थित है. आंध्र प्रदेश के अनंतपुर के पेनुकोंडा हिन्दुपुर से भी वीरभद्र मंदिर जाया जा सकता है. वहा से लगभग ३५ किलोमीटर है.

 

वीरभद्र मंदिर का निर्माण १६ शताब्दी में किया गया था. 

लेपाक्षी मंदिर के नाम से भी नाना जाता है. मंदिर का निर्माण १५३० और १५४० दोनों समय का जिक्र है. जिसे पेनुकोंदा में रहने वाले दो भाई विरुपन्ना नायक और वीरन्ना जो मूल रूप से कर्णाटक के निवासी थे. उन्होंने मंदिर का निर्माण करवाया था. जो राजा अच्युतराय के विजयनगर के सामाज्य में पेनुकोंदा में कार्यरत थे. राजा के द्वारा उन्हें मंदिर के निर्माण का कार्य सौपा गया था.

 

लेपाक्षी मंदिर विजयनगर स्थापत्य कला और शैली के सबसे बड़ा उदाहरण है.

लेपाक्षी मंदिर प्रचीन मूर्तियों के लिए बहूत प्रसिद्ध है. विजयनगर साम्राज्य के कारीगरों और कलाकारों द्वारा बनाए गए  वीरभद्र, शिव जी, भद्रकाली, गणेश जी, विष्णु जी, लक्ष्मी जी नाग लिगम और नंदी की मूर्तियां हैं. यहां भगवान शिव के अन्य रूप अर्धनारीश्वर, कंकाल मूर्ति, दक्षिणमूर्ति और त्रिपुरातकेश्वर भी मौजूद हैं.


लेपाक्षी मंदिर के पास स्थित जटायु के मूर्ति का रहस्य. 

रामायण में वर्णित कथा के अनुसार रावन के द्वारा सीता जी के हरण करने के बाद जटायु पक्षी ने रावन से युद्ध करते हुए इसी जगह लेपाक्षी मंदिर से १.२ किलोमीटर दूर पूरब के तरफ अपने प्राण त्याग दिए थे. जटायु पक्षी सीता जी को बचाने के लिए बहूत प्रयास में असफल के बाद रावन दे द्वारा उसके तलवार से मारा गया था. सीता जी के खोज करते हुए भगवन राम, भय्या लक्षमण और हनुमन जी को अधमरे हालत में जटायु पक्षी यही मिले. करुनावश भगवान राम जी ने उस समय एक शब्द बोले थे. जटायु के लिए वो था "ले पाक्षी" जिसके नाम पर उस गाँव का नाम लेपाक्षी पड़ा.

 

जटायु पक्षी के रूप में बहूत बड़ा पत्थर के उड़ाते हुए पक्षी की मूर्ति 

उड़ाते हुए पक्षी की मूर्ति  ठीक उसी जगह पर आज बना हुआ है. एक उथली पहरी पर एक बड़ा सा चट्टान है जिसपर जटायु पक्षी पत्थर का बना हुआ है. जिसपर जाने के लिए लोहे के सीरी बने हुए है. जो रास्ते में लेपाक्षी मंदिर से १२०० मीटर पहले पड़ता है.  

 

नाग लिंगम शेषनाग वाला शिवलिंग लेपाक्षी मंदिर जो वीरभद्र मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है.

 

सात मुह वाला लिंगम लेपाक्षी मंदिर की मुख्या विशेषता है. पुरे वीरभद्र मंदिर में कुल ५ लिंग है. जिसमे से २ मंदिर के बहार है और ३ मंदिर के अन्दर है. उसमे से ये विशेष महत्त्व वाला ७ मुह वाला शेष नाग पर विराजमान लिंग है. बाहर वाला दूसरा लिंग मंदिर के पीछे विराजवान है. जो आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है. छात्तेनुमा ७ नाग के फन के निचे लिंग स्थापित है. इस लिंगम के बारे में कहा जाता है की जब कलाकार दोपहर के भोजन के लिए अपमे माँ का इंतजार कर रहे थे. तब इस दौरान इस नाग लिंगम प्रतिमा का निर्माण हुआ था. लिंगम प्रतिमा एक ही पत्थर को तरास कर बनाया गया है.

 

नंदी की पत्थर की मूर्ति शिवलिंग लेपाक्षी मंदिर जो वीरभद्र मंदिर के नाम से भी जाना जाता है यहाँ से १२०० मीटर दूर पशिम में है.

 

जटायु पक्षी के मूर्ति के ठीक सामने रोड के दुसरे किनारे पर नंदी का एक विशाल प्रतिमा बना हुआ है. जो एक ही पत्थर को तरास कर बना हुआ है. विश्व में इससे बड़ा कोई इकलौते पत्थर की मूर्ति नहीं है. २७ फीट लम्बा और १५ फीट चौड़ा ये प्रतिमा एक बगीचे के बिच में मंदिर की ओर मुह कर के नंदी बैठा हुआ है. बगीचा बहूत बड़ा है जो एक उद्यान की तरह है. स्थापत्य कला ये एक अनूठा नमूना है. समय बिताने और शान को टहलने के लिए उद्यान बहूत अच्छा है.


लेपाक्षी मंदिर सदियों से एक टंगा हुआ पत्थर का स्तम्भ मंदिर वीरभद्र मंदिर के नाम से भी विख्यात है.

लेपाक्षी मंदिर में मुख्या मंदिर वीरभद्र जी का है साथ में भगवन विष्णु जी और भगवन शिव जी भी मंदिर में विराजवान है. मंदिर ७० खम्बे का बना हुआ है. जिसे पंक्तिबद्ध तरीके से सजाया गया है. बाहर से दूसरी पंक्ति में स्थित ८ फीट का स्तम्भ जो मंदिर के सतह से तकरीबन आधा इंच सदियों से ऊपर है. जानकार का कहना है की लटकते हुए स्तम्भ को समजने के लिए ब्रिटिश काल में इनलैंड से आये ब्रिटिश इंजिनीयर यहाँ आये थे. परिक्षण के दौरान इस स्तम्भ को हथौरे से मरकर थोडा हिलाया जिससे पूरी मंदिर की बुनियर और स्तम्भ में कम्पन पैदा हो गया था. जीस के बाद वो ब्रिटिश इंजिनीअर यह समझकर की पुरे मंदिर का बुनियाद इसी स्तम्भ पर टिका है. यह समझकर वो वहा से भाग गया. बाद में फिर इस रहस्य का पता लगाने की किसी के अन्दर क्षमता नहीं हुई की ऐसा दोबारा किया जाये.


लेपाक्षी के वीरभद्र मंदिर में कल्याण मंडप.

लेपाक्षी के वीरभद्र मंदिर के प्रांगन में एक खुले जगह में कुछ स्तम्भ खड़े है जो अधुरा जैसा दीखता है. इसके पीछे एक दर्द भरी रहस्यमई कहानी है. बात उन दिनों की है. जब विजयनगर के राजा देशाटन पर थे. उनके अनुपस्थिति में उस समय के कल्याण मंडप के निर्माणकर्ता लेखाकार ने कल्याण मंडप का निर्माण सुरु कर दिया था. जिसमे राज्यकोस के बहूत सारा पैसे खर्च हो गए थे. वापस आने के बाद जब राजा को इस अनुचित खर्च के बारे में बात का पता चला तो उन्होंने तत्काल कल्याण मंडप का निर्माण रोकवा दिए. साथ में लेखाकार को सजा दे दिए, लेखाकार के दोनों आँख निकाल देने का फैसला सुना दिए. इससे लेखाकार दुखी हो कर स्वयं ही अपने दोनों आँख निकलकर वीरभद्र मदिर के एक दीवार पर मार दिया. जिससे दीवाल में दो निशान बन गए और एक निशान में रक्त के चिन्ह अभी भी देखे जा सकते है.   


लेपाक्षी के वीरभद्र मंदिर की विशेषताये.

वीरभद्र मंदिर वीरभद्र जी जो की भगवन शिव के एक रूद्र अवतार है उनको समर्पित है. मंदिर के गर्भगृह ने ३ कक्ष है जिसमे भगवन शिव, भगवन विष्णु और मध्य में वीरभद्र का मंदिर में कक्ष है. ऐसे से ही मंदिर ३ कक्ष में बिभाजित है जिसे मुख्या मंडप, अरदा मंतपा और गर्भगृह है.

 

गर्भगृह के प्रवेशद्वार पर भगवन शिव १४ अवतार के चित्र, दैविक प्राणी, संत, संगीतकार और नर्तकी के चित्र छत में चित्रित किये गए है. 

ऐसा विश्व में कही और किसी जगह नहीं मिला है. इसे भित्ति चित्र कहते है. जिसे दीवाल पर या छत में बनाया जाता है. इसका माप 23 फीटी x 13 फीट बताया गया है. जिसे निचे से देखने के लिए ऊपर छत की ओर देखना पड़ता है. बाकि पुरे मंदिर में रामायण महाभारत और पुरानो के पात्र के भित्ति चित्र छत में बने हुए है. कही कोई जगह खली नहीं है.

 

वीरभद्र मंदिर में एक स्तम्भ पर भृंगी के ३ पैर वाले मूर्ति है. 

पार्वती जी के मूर्ति है. जिसको महिला परिचालक के साथ दिखाया गया है. ब्रह्मा जी के मूर्ति एक ढोलकिया के साथ है. नृत्य मुद्रा में भिक्षाटन जैसे देवी देवताओं के मूर्ति बने हुए है.   

 

लेपाक्षी मंदिर में रहस्य अविरल बहती जलधारा सीता जी के पदचिन्ह.

लेपाक्षी के वीरभद्र मंदिर के प्रांगन में एक जगह सीता जी के पदचिन्ह बने हुए है. एक विशाल पदचिन्ह उस समय बना था. जब दैत्य रावन सीता जी को उठा कर ले जा रहे थे. तब जटायु के बिच में आने के बाद कुछ समय के लिए दैत्य रावन को जटायु से युद्ध करने के लिए रुकना पड़ा था. तब जहा सीता जी रुकी थी वही ये विशाल पद चिन्ह बने थे.

 

हलाकि उस युद्ध में दैत्य रावन से जटायु हारकर घायल हो गये थे. 

तब दैत्य रावन के द्वारा सीता जी को ले जाने के बाद भगवन राम के आने के बाद घायल अवस्था में जटायु ने बताया जी सीता माता जो दैत्य रावण उठा ले गया है जो लंकापति है.

 

जटायु के मृतु के समय कुछ बात ऐसी भी हुई की भगवन राम के मुख से एक शब्द निकल गई "ले पाक्षि"  जिसके नाम से उस जगह का नाम लेपाक्षी पड गया.

 

लेपाक्षी में जहा सीता जी के पदचिन्ह है. 

पदचिन्ह हमेशा गिला ही रहता है. अभी तक ये कोई नही पता लगा सका है की इस रहस्यमय पदचिन्ह में पानी कहाँ से आता रहता है. भले बेहद गर्मी का समय ही क्यों न हो तब भी पानी नहीं सूखता है. 

Sunday, January 23, 2022

Interior decoration of the house, the kitchen, bathroom and toilet have to be cleaned from time to time, along with the washing of the wall is very important

Interior design

 

Interior decoration is important in the house for the purpose of making the house look beautiful and pleasing to the family members.

 

Interior design prized item for wall decoration and enhance the brightness with color.

Interior decoration importance of the house increases when its furnishing is done properly, good finishing and uniform surface increases the beauty of the house. For the suggestion of color, many enterprises make their own color catalogs so that the right color can be selected. Good finishing of the wall with putty and after painting it with varnished lining, the shine of the wall is visible only after it is rubbed properly with polish paper. To give a uniform surface appearance, it is necessary to level the surface by filling the wall properly with metal tin sheets. If the surface of the wall made of cement and sand is uneven, then by applying plaster of paris label bottom on it, setting the surface in 90 degree and filling the plaster of paris with a straight surface made of wood or aluminium, filling the vertical surface of the wall by filling the surface one. Looks stuffy and balanced.

 

Interior design seeing the design of the cornice as you like, you can enhance the beauty by sticking some design or readymade design on the wall.

Interior decoration if the surface of the wall is also in 90 degrees from the surface of the ceiling, the beauty of the house starts increasing on its own. Artisans and artists always keep in mind that no corner of the wall is unbalanced, due to which space is also wasted in vain and due to the disorder in the shape of the house, there is also a Vastu defect, to avoid this, the artisans should do their work. Coming from the beginning and maintaining the balance. There is a little lack in every work. There is no such work which is completely balanced and correct, for this, if there is some mistake, at the time of finishing the wall and ceiling, after removing all these mistakes, the final finishing is given to the house.

 

Interior decoration by decorating the wall of the kitchen and bathroom with tiles and marble, you can wash it from time to time.

 

In the interior decoration of the house, the kitchen, bathroom and toilet have to be cleaned from time to time, along with the washing of the wall is very important, which can prevent germs and viruses in the house, it is very important that the walls of these three areas should be cleaned. It should be decorated with nice and beautiful tiles or marbles, which should be washed from time to time to keep the wall open.

सौंदर्य त्वचा की देखभाल बहूत जरूरी है देख भाल से सौंदर्य में निखर आता है.

त्वचा की देखभाल करने वाली क्रीम को लगाने बाद ही महशुश होता है की त्वचा पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ता है कभी भी उत्तम गुणवत्ता वाला ही क्रीम उपयोग सर्वोतम है.  

 

सौंदर्य त्वचा की देखभाल बहूत जरूरी है देख भाल से सौंदर्य में निखर आता है.

 

सौंदर्य क्रीम सुन्दरता संसाधन में बहूत जरूरी संसाधन है सौन्दर्य क्रीम.  

 

उत्तम सौंदर्य क्रीम ही अछे से चहरे और सुन्दरता को निखरता है.

 

उत्तम त्वचा क्रीम से ही त्वचा के देख रेख होते है.

 

उच्च गुणवत्ता वाली सौंदर्य क्रीम उत्तम गुणवत्ता बहूत दिनों के प्रयोग और वैज्ञानिक के गहन शोध के बाद ही क्रीम में उच्च गुणवत्ता आता है.  

 

सौंदर्य क्रीम पसंद करते हैं और उपयोग करते है.

 

प्रसिद्ध सौंदर्य क्रीम कम भाव में अमेज़न ऑनलाइन उपलध है.

 

सर्वकालिक प्रसिद्ध सौंदर्य क्रीम जो पहले भी प्रसिद्ध था और अभी भी प्रसिद्ध है. 








Friday, January 21, 2022

Keep the body safe is necessary to do exercise, exercise, and work from time to time every day to make it fit for external impact and shock

To keep the foundation stone strong, the grass hull growing on the wall should be cleaned from time to time

 

The foundation of human life is his mind, intelligence, and knowledge.

The mind and life are developed by the influence of positive qualities. In the body made of five elements, soil is a mixture of water, fire, air and sky, which join from inside and outside to form the body. Life is sustained by food, water, air, time, cold and heat are experienced by the sun. The body becomes healthy and developed only by the balance of inside and outside, due to which there is a feeling of fitness, enthusiasm, cheerfulness etc. To keep the body safe, it is necessary to do exercise, exercise, and work from time to time every day to make it fit for external impact and shock. So that there is balance between body and mind.

 

Body is the foundation stone which symbolizes the soil element.

It is necessary to clean the body daily from outside. Taking a bath removes the dust of the body as well as reduces the heaviness of the mind. The brain remains light. Taking bath daily maintains cleanliness in the body. Lightness in the brain increases intelligence and discretion.

 

Filth of the body and mind only makes the body bad and sick.

The effect of dirt also falls on the mind, due to which negative thoughts arise in the mind. These are all such growing grass that keeps on looking for a way to grow continuously. To avoid this, it is necessary to keep the mind and body clean. By exercising daily to keep the body moving, the body remains agile and fresh.

Thursday, January 20, 2022

Fundamental knowledge in the dimension of knowledge, it is necessary for a person to be comfortable and active so that life can go on

Basic knowledge

 

Fundamental knowledge

In the dimension of knowledge, it is necessary for a person to be comfortable and active so that life can go on. Basically, a human has to earn money by doing some hard work, which runs the house and family. If one understands the basic knowledge, then by learning and understanding which material life is successful, one gets success in work. There is success in practice. To get success in mutual relationship, such knowledge should be fundamentally strong, active and positive. In the development of life, basic knowledge means the art of living life and the art of behaving is the most important knowledge, failing which a person has to face failure somewhere. If knowledge is not active then one has to depend on others. Because of this, self-reliance starts to end.

 

Activation of knowledge self-reliance also develops self-reliance.

 

Understand basic knowledge positive intuition strengthens the morale in the dimension of knowledge, which generates positive thoughts in the mind. The building awakens to do something. Success is achieved in the work which you are trying to do, due to which the power of the mind increases. The difficulties and obstacles come to an end. Always keep in mind the aspect of basic knowledge in active knowledge, then the chances of making a mistake remain negligible. Mental strength helps in doing even the most difficult tasks. The main reason for the lack of morale is the odd and immoral thoughts raised in the mind, whenever such a thought arises in the mind, it has never allowed its empty time to be wasted. Happens in the mind, due to which a house of asymmetry and immorality is created in thinking, which is equal to giving sorrow to the mind. Thinking too much also hurts the mind, so think only as much as one can move towards perfection, otherwise they can also start the production of evil mind from there. Never let the mind go to waste. Take care of your basic work activity so that originality and behavior goes smoothly.

 

Understand the basic knowledge then there are many dimensions of the mind 

On which side the mind you will give air, the mind will run towards that direction, a human cannot control his mind even if he wants. If man is life, then the outer active form of the soul is the mind and the inner form is the knowledge of the soul, which is not a subject matter that can be controlled. By keeping yourself busy in active work with your knowledge and behavior, you can definitely save the mind from becoming uncontrollable. It is the lack of activation of knowledge that causes the mind to wander.

Wednesday, January 19, 2022

Writer writes new things in his writings in front of the people through books, newspapers, magazines of general knowledge, inspired by the current happenings of his mind

Life of a writer is to share knowledge through writing.

 

Life of a writer is full of wisdom. 

Look at the balance in the independent ideology, then the most knowledge remains inside the writer. Writers live in the midst of people through newspapers by putting their free thoughts in writing, putting good and bad news in writing. People first get new ideas and knowledge through newspapers. In today's time, the trend of TV news is more, but in this, you can listen to the main line of the main news. By listening to the depth of the news, you can understand that in automatic means, there is a very good source of knowledge. Real knowledge is obtained only by reading, when people read newspapers, at that time the mind is engaged in reading, due to which a sense of concentration arises. Whether it is bad or not, it definitely has an effect on the mind. The dimension of knowledge also increases by listening to news or writing, but in reality as long as the mind of the person listening is concentrated or not, there can be doubts. But one who assimilates the writing by reading it himself, even if that writing is not remembered for a long time, but his feeling definitely has an effect on the mind, due to which some of its main enlightening parts which touch the heart always remain in the knowledge of the mind. . The mind always assimilates new things. The mind always has a longing for things. This is the nature of the mind, the world is known.

 

Being calm mind of the writer is also multidimensional.

Inspired by multi-faceted knowledge, the writer writes new things in his writings in front of the people through books, newspapers, magazines of general knowledge, inspired by the current happenings of his mind, which the listeners sometimes read and write. By reading more and more with the mind, one acquires the knowledge that the author tries in his writing. There is a lot of talk in the world, but only the inspirational thing is capable of touching the mind, whose effect immediately falls on the inner mind, due to which new knowledge arises. In fact, even if the incident happens, it is only for the new knowledge of the people, which also inspires human beings. Security is of great importance in the balance of life. When knowledge leads to security, the sense of peace of mind increases. Unless people have experienced the new phenomenon, then a new circle of security will not be created. Security does not only mean the security of life, but the things that are going on in the dimension of life, it is also necessary to protect the subject matter that is going on. Unless you understand the present event, you will not know about this.

Tuesday, January 18, 2022

Blacksmith while working in an environment full of fire and heat for a long time

Blacksmith's life


Satisfaction of life a person is ready to do anything so that he can maintain himself and his family. 

Blacksmith raise children properly, earn two paise from hard work and wages and bring them home and provide happy life to parents. For this man works very hard. By plucking stones, one is not afraid to pelt iron and cut and tear, even though hard work is very much in this work. For a long time, while giving air to the spark of blazing embers, it heats and melts the iron, so that a new construction is made and some things are made, which are sold in the market and can be used by the family. In doing this, along with hard work, both the water and the blood of the body get heated and burn, yet the blacksmith is never afraid of working hard. To strike the iron, he beats it with a heavy hammer whose weight is many times more than his own weight. To run life, the blacksmith persecutes his mind and body every day, then he gets bread for two times.

 

Blacksmith while working in an environment full of fire and heat for a long time. 

Blacksmith desires of his mind begin to fade, but he definitely gets the boon of hard work. Not every human can do such hard work. The progress of life is not just fulfilling the desire, sometimes even after killing the desire, a person progresses in life. Basically, even though such a person does not know much money in his life, but he does not have immoral desire in him. The life of a true blacksmith is to play with iron, who gets a chance to learn the work of blacksmith in inheritance from his father as a guru. As long as the blacksmith lives with iron in his life, he remains happy and blissful, for this reason he remains hardworking during his long life until his body starts working.

 

Blacksmith physical labor does not give money to them but never lets his life go to waste. 

Blacksmith do not need to do exercise and work with extreme hard work. If a person smokes then there is a disease, but the blacksmith who lives daily in the midst of burning embers and smoke, does not have any problem with it. The body given by god is only for working hard, due to which the body remains healthy. Those who work on a chair may consider themselves to be bigger than a blacksmith, but in the fourth stage of life, sitting on a chair hurts his waist and legs, but the blacksmith who sits down can hardly weaken his waist and legs, but at the end of his life. Even at the stage, it continues on the strength of hard work. Physical malnutrition may be the cause of the blacksmith's illness, but labor never becomes the cause of his illness.

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