Monday, July 5, 2021

The things are small or big or light, when something is needed yet little things too has to be made available

The little things in work


Whether things are small or big or light, it does not matter. 

Whenever something is needed. So it has to be made available. When someone is busy with some important work. Even after all the things are available, when something or the other remains. Then that time and stage doesn't matter. Then the meaning remains the same little thing. No matter how important that task may be. The importance of that thing. which is missing from there. The reason remains the same. The work was not completed, everything went wrong. Work is important. Whether things are small or big, attention should be paid to them. If the attention is equal then there will be no question of forgetting anything. Then the work will be completed in its own time.


The little things in communication

Whether it's small or big, it's good. So everyone feels good. That's when the important thing happens. When things become as important as a small thing, when people like it. Then there is a lot of applause. Then everyone likes that person. Honour gives respect. When something bad happens to a person, even if it is a small thing. Then that little thing starts pecking like a sharp straw in the heart of the reciter. If there is a good thing in today's time, then everyone feels good. But even a small bad thing of someone makes people feel bad. And that thing spreads like poison in people. As a result, the person speaking that thing has to suffer. It should be that the mind accepts good things. If it's a bad thing. So it should never be put in your mind. It's better to react to someone's bad words. That being a good citizen should be explained. That such a thing makes people feel bad. The talk should be cordial. Which everyone likes.

Friday, July 2, 2021

Looked inside my own mind, I found that there is no person worse than me in the world

Found that there is no person worse than me in the world

Kabir dasa says. That I devoted my whole life to seeing the evils of others. But when I looked inside my own mind, I found that there is no worse person in the world than me. I am the most selfish and the worst. We see a lot of bad in others. But if we look inside our own mind, then we will find that there is no worse person in this world than us.

Monday, June 14, 2021

फाइबर ग्लास का काम करना सीखे। Study, Learn and Theory of Fiberglass.

 फाइबर ग्लास का काम करना सीखे। 

Theory Study and Learn Fiberglass 


फाइबर ग्लास के मोल्ड को तैयार करना  

Mold making in fiberglass

फाइबर ग्लास के मोल्ड को तैयार करने के लिए जिस वस्तु का मोल्ड बनान है  उस वस्तु को कायदे से साफ सफाई कीया जाता है  सब जगह पर   रिलीसिंग वैक्स लगाया जाता है  उसके बाद पीवी लगाया जाता है  सूखने के बाद वस्तु के साइज के हिसाब से, अंधरुनि भाग और बाहरी भाग को समझ कर  फाइबर ग्लास के मोल्ड के टुकड़े का निर्धारण किया जाता है  पेपर, कार्ड बोड, मिटटी जो उपलब्ध हो उससे १.५  इंच या २ इंच का वास्तु के साइज के हिसाब से मोल्ड के टुकड़े का घेरा लगाया जाता है  नट वोल्ट लगाने के लिए घेरे का साइज १.५ इंच या २ इंच रखा जाता है रिलीसिंग वैक्स पीवी कर के घेरा और वास्तु दोनों का ढलाई किया जाता है  सूखने के बाद  दूसरे और घेरा लगाकर रिलीसिंग वैक्स, पीवी लगाकर ढलाई किया जाता है  सब मोल्ड के टुकड़े को वास्तु पर घेरे के हिसाब से बारी बारी से ढलाई किया जाता है  सब मोल्ड के टुकड़े के ढलाई के सेट होने बाद  ग्राइंडर से सफाई किया जाता है  घेरे वाले भाग को ड्रिल मशीन से छेदाई किया जाता है  नॉट बोल्ड लगाकर मोल्ड के टुकड़े को एक दूसरे से जोड़ने के लिए घेरे पर छेदाई किया जाता है  सभी मोल्ड के टुकड़े को बरी बरी से खोलकर पालिश पेपर से घिसाई, सफाई और फाइबर ग्लास के मटेरियल से मरम्मत कर के फाइबर ग्लास के मोल्ड को तैयार किया जाता है इस तरह से फाइबर ग्लास का मोल्ड तैयार होता है। 



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फाइबर ग्लास के मोल्ड को ढलाई के लिए तैयार करना  

How can Prepare Mold to Cast Fiberglass

फाइबर ग्लास का काम करने के लिए सबसे पहले फाइबर ग्लास के मोल्ड को थिक तरिके से साफ सफाई  कर के उसमे रिलीसिंग वैक्स को कायदे से ब्रश से लगाया जाता है  फिर उसकों  थोड़ा सूखने के बाद पीवी को ब्रश से लगाया  जाता है  सांचे को पूरी तरीके से सूखने के लिए रख्खा जाता है  चुकी पीवी में पानी का असर होता है  इसलिए सांचे को पूरी तरीके से सुखना  जरूरी  है, कई डिज़ाइन के फाइबर ग्लास के मोल्ड के कई टुकड़े होते है  जिनको नट वाल्ट से जोड़कर तैयार किया जाता है। फाइबर ग्लास  के मोल्ड के किनारे वाले घेरे को भी रिलीसिंग वैक्स पीवी किया जाता है ध्यान रहे रिलीसिंग वैक्स और पीवी कही भी बाकि न रहे नहीं तो फाइबर ग्लास के मोल्ड ढलाई के बाद एक दूसरे से  चिपक जायेगा फिर दोनों ढलाई  किया हुआ फाइबर ग्लास वास्तु और फाइबर ग्लास के मोल्ड दोनों  ख़राब हो जायेगा इस तरह से फाइबर ग्लास के मोल्ड को ढलाई के लिए तैयार किया जाता है।   



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फाइबर ग्लास के ढलाई के लिए सामान तैयार करना

How can Prepare Cast Material of Fiberglass

फाइबर ग्लास के मटेरियल को बनाने के लिए जरूरी सामान  रेजिन कोबाल्ट और पाउडर को आपस में मिलाया जाता है, हार्डनर को जब ढलाई किया जाता है तभी डाला जाता है  हार्डनर को सब सामान के साथ इसलिए नहीं डाला जाता है क्योकि वो मटेरियल को सेट कराने लगता है  फाइबर के  मटेरिल को एक बार बनाया जाता है  और उस में से बारम्बार निकलकर हार्डनर को मिलकर सांचे में पोता जाता है  फिर ब्रश को थिनर में धोया जाता है  नहीं तो ब्रश भी सेट होने लगेगा  और वो ख़राब हो जायेगा इसलिए  ब्रश को हर बार धोना जरूरी है। 

मटेरियल दो  प्रकार का बनता है  एक में रेज़िन, कोबाल्ट और पाउडर होता है तह बनाने ले लिए दूसरा रेज़िन होता है उसमे सिर्फ कोबाल्ट मिलाया जाता है  चोप्ड़ स्ट्रैंथ मैट को बैठने के लिए  


Fiberglass designing work is starting with clay molding fiberglass mold making and production of work fiberglass according to design and strainth of work



रेजिन की मात्रा १ लीटर, कोबाल्ट की मात्रा १० ml और हार्डनर की मात्रा ५ ml या काम करने के हिसाब से काम जायदा कर सकते है,  पाउडर को अपना डिज़ाइन के अनुसार से उपयोग कर सकते है  डिज़ाइन के हिसाब से कभी कम कभी जायदा उपयोग कर सकते है, चोप्ड़ स्ट्रैंथ मैट के कई प्रकार होते है उनके मोटाई के हिसाब से अंक दिए होते है वो ३००/४५०/६०० इत्यादि मोटाई के हिसाब से होते है। 

ढलाई के रंग के लिए पिग्मेंट आता वो कई रंगो में मिलता है जरूरत के हिसाब से उपयोग किया जाता है। 

ब्रश का उपयोग फाइबर ग्लास के वास्तु के ढलाई के लिए किया जाता है।  

थिनर का उपयोग ब्रश के धुलाई के लिए किया जाता है। 

हाथ में पहनने के लिए रबर के दस्ताने का उपयोग किया जाता है। 

फाइबर ग्लास का ढलाई करना 

Casting of Fiberglass Mold


फाइबर ग्लास के मटेरियल को ब्रश से सांचे में पोता जाता है  एक तह पूरा होने के बाद अपने काम के हिसाब से तह को बढ़ाया जाता है  हर बार ब्रश को थिनर थोया जाता है  ताकि वो ख़राब न हो जय अंत में चोप्ड़ स्ट्रैंथ मैट को लगाकर रेजिन को कोबाल्ट और हार्डनर के साथ मिला कर मैट को बैठाया जाता है  मटेरियल को सेट होने तक, जब तक की वो मजबूत न हो तब तक रुका जाता है,  चाकू से किनारे की सफाई कीया जाता है  सांचे को  नट वॉल्ट लगाकर ठीक से बैठाकर जोड़ा जाता  किनारे को मटेरियल और हार्डनर मिलकर जोड़ा जाता है किनारे को जोड़ने के लिए चोप्ड़ स्ट्रैंथ मैट लगाकर  रेजिन के बने मटेरियल को ब्रश के सहायता से बैठाया जाता है।  
      

फाइबर ग्लास का मरम्मत करना  

Prepare of Fiberglass piece to repair


 फाइबर ग्लास के मरम्मत करने के लिए सामान को सांचे से बनकर निकलने के बाद उसको घसाई घिसाई की आवश्यकता होता है जिसको ग्राइंडर और पालिश पेपर से किया जाता है जो की ६०, ८०, १००, १२०, १५०, ३०० क्रमांक में मिलता है सबसे पहले ग्राइंडर से किया जाता है जिसके गोल वाले डिस्क होते है आम तौर पर फाइबर ग्लास के मरम्मत के लिय उपयोग  किया जाता है  जिसके घिसाई के लिए उपयोग किया जाता है  जोड़ वाले भाग को ग्राइंडर से घसाई कर के साफ किया जाता है  उसके बाद पालिश पेपर से घसाई किया जाता है  जोड़ वाले भाग के  टूटे फूटे भाग को फाइबर गिलास  मटेरियल को हार्डनर मिलहार चाकू से भरा जाता है  चाकू से  सफाई कर के पालिश पेपर से सफाई किया जाता है इस तरह से फाइबर ग्लास के काम को किया जाता है। 

फाइबर ग्लास के सामान का धुलाई और रंग रोगन 

Prepare of Fiber Glass Goods for Clean and Painting


फाइबर ग्लास के धुलाई करने कारण के लिए सर्फ और  कास्टिक सोडा और सर्फ का इस्तेमाल किया जाता है  थिक से  सूखाकर कर फुहारे वाले मशीन से रंगाई और रोगन किया जाता है  


शुरुआती फाइबर ग्लास परियोजनाए

Fiberglass Projects for Beginner 

शुरूआती फाइवर ग्लास की परियोजनाए पर काम करने के लिए मुख्य जरूरी है  काम का अच्छा जानकारी और लगने वाले मटेरियल के मात्रा का सही जानकरी और कौन कौन से जरूरी सामान उपक्रम लगते थे वो सभी खुद के पास उपलब्ध होने चाइये जैसे कटर, ग्राइंडर, ड्रिल मशीन, नट वोल्ट, पक्कड़ कसने के लिए पाना जरूरी पड़ता  है अच्छे कारीगर  के साथ में मदत करने के लिए मजदूर आवश्यकता पड़ता है जो की फाइवर ग्लास की परियोजनाए पर शुरूआती काम को कायदे से किया जा सके और अपने ब्यापारी को अच्छा सामान मुहैया करा सके जिससे उसे अच्छा लगे और पहचान बनकर और अच्छा काम मिल सके।  









           

Thursday, May 13, 2021

शांति जीवन का ज्ञान में जीवन का मजा आता है अपने घर परिवार में ख़ुशी पूर्वक रहते है सब के ऊपर खुसी बिखेरते रहते है, जिससे हम सबको अच्छा लगता है, जो साथ में हमारे परिवार जुड़े होते है

शांति जीवन का ज्ञान


जीवन में जितनी शांति होती है। उतना अपने जीवन में ज्ञान बढ़ता है। 

तब जीवन का  मजा आता है। इससे सब अपने घर परिवार में ख़ुशी पूर्वक रहते है। सब के ऊपर ख़ुशी बिखेरते रहते है। जो सबको अच्छा लगता है। शांति जीवन का ज्ञान घर परिवार में फैला हुआ लगता है।   


पारिवारिक शांति के साथ सब अपने घर परिवार जुड़े होते है। 

परिवार के लोगो को  बहुत अच्छा लगता है। हमारा बेटा बहुत अच्छा है। हम पोता बहुत अच्छा है। हमारा भाई  बहुत अच्छा है। हमारा भतीजा बहुत अच्छा है। घर में शांति बनाये रखना ही अपने घरवालो के लिए सबसे बड़ा काबिलियत साबित होते है।  इस शान्ती को भंग करने के लिए कैसे कोई सोच सकता है। वो हम सब के घर और परिवार है। 


दोस्तो में तो शांति ज्यादा होता है ऐसे ही अपने समाज में लोगो  बिच में काम धंधे में  

वाहा लोग आत्मीयता से एक दूसरे से जुड़े होते है। जिससे सभी के विचार एक जैसे होते है। सब संगठित होते है। शांत स्वभाव के लोग में ज्ञान बहुत होता है। समाज के हर वर्ग के लोग से मिलते है। बात विचार करते है। उनके अंदर कोई पड़ेशानी तकलीफ है। तो लोग पड़ेशानी तकलीफ से निकलने का रास्ता बताते है। शांत स्वभाव के लोगो का ज्ञान सबके लिए अच्छा होता है।  


अहम् का भाव कई मामले में होता है। लोगो की एक जुटता में पड़ेशानी उत्पन्न कर देता है।

कोई बोलता है। मै ऐसा हूँ। कोई बोलता है। मै वैसा हूँ। यहाँ पर फिर शांति नहीं रहता है। एक जुटाता नहीं रहता है। वहां शांती की भावना बिलकुल भी नहीं रहता है। वाहा सब बिखरने लगता है। टूटने लगता है। क्या ये सब थीक हैबिलकुल भी नहीं। ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए। हम क्यों नहीं समझते की एक जुटाता हमें बहुत कुछ देती है। अपने संगठन को मजबूत बनता है। 


इंसानियत ऐसा होना चाहिए की घर परिवार, समज, में दोस्ती यारी हो 

हर कोई काम काजी हो। सबलोग जहा भी रहे। सब एकसाथ मिलजुल कर रहे। मेलजोल से ज्ञान बढ़ता है। आपस में जो अभाव होते है। संघठन की मदत से दूर हो जाते है जिनके अंदर कोई ज्ञान की कमी है। हाव भाव से दुसरो को पता चल जाता है। उसको क्या जरूरत है ? लोग आपस में कुछ बोल भी नहीं पता है। अपनी कमी नहीं बता पता है। ऐसे माहौल में जमकर दोस्त उसका मदत कर के उसका दुभिधा दूर कर देते है। अभावग्रस्त का जानकारी बढ़ जाता है। समाज में मिले जानकारी से जरूरतमंद दुबिधा को दूर कर लेते है। समाज में ज्ञानी जानकर लोगो के रहने से दूसरे आम लोगो को ख़ुशी और शांति मिलता है। 


संघठन अपने करी को मजबूत करते है। 

चाहे घर में हो या बहार हो चाहे समाज में हो या लोगो के बिच हो सब जगह संघठन एक मजबूत बिंदु साबित होता  है।  मान लीजिये की यदि घर में कोई किसी पर मुसीबत पड़ा है तो क्या होगायदि संघठन नहीं होगा। तो वाहा एकता भी नहीं होगा।  फिर कोई किसी का साथ भी नहीं देगा।  वो बेचारा टूट जायेगा।  यही बात समाज में लोगो के बिच भी हो सकता है। हम क्यों नहीं समझते की संघटन, एकता कितनी जरूरी है।  यूवावस्था तो ज्ञान सिखने के लिए ही है। बगैर ज्ञान के कुछ होता नहीं है।  चाहे कोई भी अवस्था क्यों हो सब ज्ञान के लिए ही होता है। सबसे बड़ा ज्ञान एकता और अखंडता के संघठन का होता है।  जहा तक मेरा मनना है। यदि संघठन कायम हो गया तो हमें बहुत कुछ सिखने को मिलेगा। आपसी मतभेद को दूर होने से तरक्की के दरवाजे खुलेगे। समाज और संसार में नए सिरे से विकाश कायम होगा। सभ्यताए बदलेंगे बनेंगे। संस्कार बढ़ेगा। नकारात्मक ऊर्जा काम होगा।  ऐसे अनगिनत फायदे होंगे। इन सब से दुनिया में शांति ही फैलेगा।  


जीवन का आत्म ज्ञान 

वास्तविक जीवन का ज्ञान सबसे पहले घर परिवर में माता पिता से मिलता है। उनके प्यार दुलार से हमें सबको आदर करने का ज्ञान मिलता है मन सम्मना का ज्ञान बढ़ता है बड़े छोटो का लिहाज समझ आने लग जाता है करी मेहनत करने का ज्ञान अपने मेहनती साथी सलाहकार से मिलता है जीवन में संस्कार बढ़ता है आगे चलकर ज्ञान स्कूल से मिलता है उसके बाद समाज में हमें ज्ञान मिलता है। श्रेष्ठ ज्ञान शांति का ज्ञान ही होता है।  

 

जीवन का आत्म ज्ञान स्कूल

आत्म ज्ञान हमें सबसे ज्यादा स्कूल में मिलता है। पुस्तके पढ़ते है। सभी प्रकार के ज्ञान से भरे होते है। कविता कहानी नाटक के माध्यम से गुरुजन के अच्छे बताये बात विचार से ज्ञान  मिलता है।  सभी ज्ञान का माध्यम जीवन का विकाश के लिए ही होता है ज्ञान जीवन में शांति बनाये रखने का ही माध्यम होता है। 

 

जीवन का ज्ञान कहाँ पर मिलता है

जीवन के ज्ञान से स्वयं का विकाश, जीवन में शांति, समाज में आदर भाव के साथ जीवन में शांति सौहाद्र बनाते हुए जीवन का विकाश करना होता है  

 

आत्म ज्ञान जीवन की पाठशाला

जीवन की पाठशाला में सौहाद्र, शांति, एकता, आदर भाव, सम्मन, बड़े छोटे का लिहाज, समाज के लोगो बीच आत्मीय बनाये रखना। दुखियो का सहारा देना, जरूरत मंद को मदत करना। समाज में अच्छा काम करना। जीवन की पाठशाला में सीखना होता है। 

 

जीवन का स्कूल आत्म ज्ञान

जीवन में होने वाले घटना के प्रति सक्रिया रहना बहूत जरूरी है अच्छे बुरे का भेद भाव का समझ कर अच्छाई प्रति जागरूक रहना। आदर सम्मान से मिलता। सौहाद्र पूर्वक बात विचार करना। शांति से हर पड़ेशानी के उलझन को दूर करना। अपने और दूसरो के जीवन में शांति बनाये रखना। जीवन के स्कूल का आत्म ज्ञान है। 

 

ज्ञान के पवित्र तरीके जीवन के स्रोत

ज्ञान के पवित्र तरीके जो जीवन के स्रोत है। आदर भाव, बढे छोटे का लिहाज, मा सम्मना, मर्यादा, समाज में जरूरतमंद को मदत करना। दुखिओं को सहारा देना लोगो के बिच आदर समझदारी से बात करना। 

 

पारिवारिक शांति जीवन का ज्ञान

माता पिता की सेवा करना सर्वोत्तम धर्म और जिम्मेदारी है घर परिवार के लोगो का सहारा बनाना। घर में हर किसी  से सम्मान से बात करना। बच्चो को प्यार से बातचीत करना। घर में हसी ख़ुशी से रहना। 

 

शांति जीवन का ज्ञान

अपने मन को सदा शांत रखना। दुसरो के हित का ख्याल रखना। निस्वार्थ भाव से सेवा करना। 

 

शांति मन का ज्ञान

अपने मस्तिष्क को शांत रखना। विवेक बुद्धि का उपयोग करना। मन को एकाग्र रखना। 


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